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अलविदा स्वराजः 37 की उम्र बने राज्यपाल! इमरजेंसी के दौर में लड़ा जॉर्ज फर्नांडीस का केस, मिजोरम और केंद्र के बीच समझौता करवाने में रहा अमिट योगदान

Goodbye Swaraj: Became Governor at 37! Fought George Fernandes' case during the Emergency, played an indelible role in brokering a settlement between Mizoram and the Centre.

नई दिल्ली। बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज के पिता स्वराज कौशल का आज गुरूवार, 4 दिसंबर को निधन हो गया। उन्होंने 73 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। बता दें कि स्वराज कौशल की पत्नी सुषमा स्वराज, दिल्ली की मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में विदेश मंत्री भी रह चुकी हैं। लेकिन कुछ ही लोग होंगे जो स्वराज कौशल के बारे में जानते होंगे। स्वराज कौशल का जन्म तब के पंजाब (वर्तमान में हिमाचल प्रदेश) के सोलन में 12 जुलाई 1952 को हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा वहीं से की और डीएवी चंडीगढ़ से बैचलर ऑफ आर्टस की डिग्री ली। उसके बाद स्वराज कौशल ने पंजाब यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। स्वराज कौशल सुप्रीम कोर्ट में बड़े वकील थे और वह 37 साल की उम्र में मिजोरम के सांसद बन गए थे। स्वराज कौशल ने मिजोरम और केंद्र के बीच समझौता करवाने में अमिट योगदान दिया था। आगे चलकर वो हरियाणा से राज्यसभा सांसद भी बने। इसके साथ ही स्वराज ने इमरजेंसी के समय में जॉर्ज फर्नांडीस के पक्ष में बड़ौदा डायनामाइट केस भी लड़ा था। इसके अलावा वे देश के एडवोकेट जनरल के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। 1975 में इनका विवाह सुषमा स्वराज के साथ में हुआ था।