क्या आप जानते हैं? भारत मे पहला आधार कार्ड किसका और कब बना था? बड़ी बड़ी परीक्षाओं से लेकर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं में पूछा जाता है ये सवाल!लिंक पर क्लिक करें और जाने भारत के पहले आधार कार्ड होल्डर के बारे में

Do you know? Whose and when was the first Aadhar card made in India? This question is asked in big exams and general knowledge competitions! Click on the link and know about India's first Aadhar card

आज भारत मे लगभग हर किसी का अपना पहचान पत्र आधार कार्ड बन चुका है।आधार कार्ड केवल वयस्कों को ही नही बल्कि छोटे बच्चों को भी विशिष्ट पहचान प्रदान करता है।लेकिन क्या आपको पता है 130 करोड़ की आबादी वाले देश मे सबसे पहले किसका आधार कार्ड बना था? वो कौन था जिसे इतनी बड़ी आबादी में सबसे पहले एक विशिष्ट पहचान मिली और बड़े बड़े एग्जामो में चाहे आईएएस की परीक्षा हो या पीसीएस की अक्सर ये सवाल पूछा जाता है भारत मे सबसे पहले आधार कार्ड किसका बना था? तो चलिए आज ये भी जान लीजिए ।
सबसे पहले तो हम ये बताते है कि 29 सितंबर 2010 को भारत मे सबसे पहला आधार कार्ड बना था और इसे पाने वाला कोई आदमी नही बल्कि एक महिला है जिनका नाम सामान्य ज्ञान की तमाम पुस्तकों में भी दर्ज हो चुका है ।तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार में सबसे पहले रंजना सोनवाने का आधार कार्ड बना था।और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथों द्वारा रंजना को आधार कार्ड दिया गया था।रंजना सोनवाने भारत की पहली महिला बनी थी जिनका आधार कार्ड सबसे पहले बना था।
आइये अब जानते है भारत की पहली आधार कार्ड होल्डर महिला के बारे में-

रंजना सोनावाने एक साधारण महिला है और उत्तर महाराष्ट्र में ग्राम तेम्भाली पुणे से लगभग 470 किमी दूर एक छोटी सी झोपड़ी में रहती है।रंजना एक मजदूर महिला है जो दिन रात काम की तलाश में भटकती रहती है।बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाती है।भारत की पहली आधार कार्ड होल्डर महिला की ज़िंदगी अपनी अनूठी पहचान के बावजूद भी नही बदल सकी।रंजना ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था कि जहा वह रहती है वहा न तो बैंकिंग है और न ही कोई बीमा,नेता आये कार्ड थमाया फ़ोटो खिंचवाई और चले गए,इसके बाद कोई पूछने नही आया।आधार कार्ड बन तो गया लेकिन इससे गुजर बसर नही हो रही। आधार कार्ड प्राप्त करने वाली भारत की पहली महिला रंजना की ज़िंदगी मे कोई बदलाव नही आया।रंजना सारंगखेड़ा मेले में खिलौने की दुकान लगाना चाहती थी लेकिन ये सपना भी उनका अधूरा रह गया क्योंकि पहले उनके पास वहां जाने के लिए पैसे इक्कठा नही हुए फिर बाद में कोरोना की वजह से लॉक डाउन लग गया जिसके बाद रंजना की हालत और खराब हो गयी।

गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने आधार परियोजना सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने,बैंकिंग,स्वास्थ्य सुविधाएं बीमा इत्यादि जैसी सुविधाएं प्राप्त करने के लिए शुरू की थी जिसकी शुरुआत कांग्रेस सरकार ने उत्तर महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में तेम्भाली में चयन किया था,23 जून को इंफोसिस के सह संस्थापक नन्दन निलेकणी को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आधार कार्ड परियोजना का नेतृत्व करने के किये नियुक्त किया था, उन्हें यूआईडीएआई के अध्यक्ष की नवनिर्मित स्थिति दी गयी थी जोकि कैबिनेट मंत्री के पद के बराबर थी।