नवरात्रों में केदारघाटी के देवी मंदिरों में उमड़ रही भक्तों की भीड़! कालीमठ में होती दुर्गा के तीन रूपों की पूजा

Crowds of devotees are thronging the goddess temples of Kedarghati during Navratri! Three forms of Durga are worshipped in Kalimath

ऊखीमठ। केदारघाटी के सभी शक्तिपीठों में चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिन भगवती दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की गयी। इस दौरान सभी शक्तिपीठों में भक्तों की भारी भीड़ देखने का मिली। विद्वान आचार्यों की वेद ऋचाओं, भक्तों के जयकारों तथा महिलाओं के धार्मिक भजनों से सभी शक्तिपीठों का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। प्रथम दिन सिद्धपीठ कालीमठ, कोटी माहेश्वरी, चामुण्डा देवी, काली शिला, राकेश्वरी मन्दिर, राजराजेश्वरी मन्दिर सहित सभी शक्तिपीठों में सैकड़ों भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मनौती मांगी और विश्व कल्याण की कामना की।

सरस्वती नदी के किनारे बसे सिद्धपीठ कालीमठ में भी सैकड़ों भक्तों ने पूजा-अर्चना कर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। चैत्र नवरात्रे के प्रथम दिन सिद्धपीठ कालीमठ में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। सिद्धपीठ कालीमठ व कोटि माहेश्वरी तीर्थ में प्रति दिन सैकड़ों भक्तों की आवाजाही होने से कालीमठ घाटी के विभिन्न हिल स्टेशनों पर रौनक बनी हुई है। कालीमठ मन्दिर के प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित ने बताया कि चैत्र नवरात्रे के प्रथम दिन भारी संख्या में भक्तों ने सिद्धपीठ कालीमठ में पूजा-अर्चना कर मनौती मांगी। उन्होंने बताया कि कालीमठ तीर्थ में भगवती दुर्गा के तीनों रुपों की पूजा होने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। मन्दिर समिति की ओर से कालीमठ तीर्थ को भव्य रूप से सजाया गया है। वेदपाठी रमेश चन्द्र भटट ने बताया कि सिद्धपीठ कालीमठ तीर्थ में भगवती दुर्गा के महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती तीनों रूपों की पूजा एक साथ होने से महाकाली तीर्थ में पूजा का अधिक महत्व है। पण्डित दिनेश चन्द्र गौड़ ने बताया कि सिद्धपीठ कालीमठ में युगों से प्रज्ज्वलित धुनी की भस्म धारण करने से मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि केदारखण्ड में सिद्धपीठ कालीमठ तीर्थ की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। केदारनाथ  मन्दिर  प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि चैत्र नवरात्रां के प्रथम दिन सिद्धपीठ कालीशिला में भी सैकड़ों भक्तों ने पूजा-अर्चना की। राकेश्वरी मन्दिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि चैत्र नवरात्रां के पावन अवसर पर राकेश्वरी मन्दिर में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। क्यूंजा घाटी कण्डारा गांव निवासी देवानन्द गैरोला ने बताया कि चैत्र  नवरात्रे के पहले दिन राजराजेश्वरी मन्दिर कण्डारा मे भक्तों की भारी भीड़ रही तथा महिलाओं  के धार्मिक भजनों से गांव का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।

शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालुओ का आकंडा 14 हजार पार
ऊखीमठ। सिद्धपीठ कालीमठ मे चैत्र नवरात्रे के प्रथम दिन 442 तीर्थ त्रात्रियां ने पूजा कर कर पुण्य अर्जित किया, जबकि सिद्धपीठ कालीमठ में शीतकालीन तीर्थ यात्रियों का आकंडा 14 हजार के पार पहुंच गया है। मन्दिर समिति के शुभम राणा ने बताया कि शीतकालीन यात्रा के दौरान 6464 पुरूष, 5829 महिलाये, 1909 नौनिहाल, 185 साधु सन्यासी तथा 28 विदेशी यात्री सिद्धपीठ कालीमठ में पूजा-अर्चना कर पुण्य अर्जित कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि कालीमठ घाटी का ब्यूखी गांव यातायात से जुड़ने के कारण सिद्धपीठ कालीशिला जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या मे निरन्तर इजाफा हो रहा है।