पहाड़ बनाम मैदानवाद पर सीएम धामी ने दिखाए सख्त तेवर! मंच से ही दे डाली नसीहत

CM Dhami showed tough attitude on mountain vs plainism! Gave advice from the stage itself

उत्तराखंड एक है और यहां विघटन वाली सोच का कोई स्थान नहीं है। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में कही। साथ ही पहाड़-मैदान विवाद पैदा करने वाले लोगों को हिदायत भी दी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ऋषिकेश हरिद्वार कॉरिडोर योजना का काम भी शुरू कर दिया है,लेकिन इसमें संवाद किया जाएगा। लोगों से बात की जाएगी। जहां लोग सहमत होंगे,उसके आधार पर विकास को आगे बढ़ाया जाएगा। 

दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज हरिद्वार में महाराजा अग्रसेन अग्रवाल आश्रम ट्रस्ट के 50वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।  इस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की ओर से शिक्षा, सेवा और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में तमाम कार्य किए जा रहे हैं,जो काफी सराहनीय है। इसके अलावा क्षेत्रवाद विवाद पर भी बयान दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले कुछ समय में कुछ लोगों ने प्रदेश में एक दूसरे बांटने का काम किया है. मैं उनसे यह कहना चाहता हूं कि हम सब उत्तराखंड के लोग एक हैं. एक उत्तराखंड है. यहां इस प्रकार की मानसिकता का कहीं कोई स्थान नहीं है। पिछले दिनों कुछ विघटनकारी तत्वों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर बांटने का नाम प्रयास किया।  इसलिए मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम सबके रहते हुए उत्तराखंड में एकता, अखंडता और सामाजिक समरता पर कोई आंच नहीं आ सकती है. चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़ेगा, हम उसके लिए पीछे नहीं हटेंगे। सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि आगामी 2027 में कुंभ प्रस्तावित है। उसकी तैयारी शुरू कर दी है। साल दर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। कांवड़ के साथ चारधाम यात्रा पर आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड की जनसंख्या से तुलना करें तो उसके 7-8 गुना ज्यादा लोगों के लिए सालाना व्यवस्था करनी पड़ती है. इस तरह से 8-10 करोड़ लोग पूरे साल उत्तराखंड आते हैं। सीएम धामी ने कहा कि नीति आयोग के सामने भी इस बात को रखा जा चुका है कि जनसंख्या के मानक के आधार पर सुविधा देने की बजाय, जो भी अनुदान देना है, उसे देश के कोने-कोने से आने वाली लोगों की संख्या (फ्लोटिंग पॉपुलेशन) के आधार दिया जाए. क्योंकि, उनके लिए तमाम संसाधन यहां पर व्यवस्थित करने पड़ते हैं।