RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान! जाति, भाषा छोड़कर एकजुट हो हिन्दू समाज, बोले- देश के प्रति अपने दायित्व समझें लोग

नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हिंदू समाज को भाषा, जाति और क्षेत्रीय असमानताओं को खत्म करके अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा। कहा कि ऐसे समाज का निर्माण होना चाहिए जहां संगठन, सद्भावना और श्रद्धा हो, लोगों में अनुशासन हो। साथ ही देश के प्रति अपने दायित्व को समझे और उद्देश्यों के प्रति समर्पित हो। इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत राजस्थान में स्वयंसेवक एकत्रीकरण कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है। हिंदू समाज को भाषा, जाति और क्षेत्रीय विवादों को खत्म करके अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू हर किसी को अपना मानते हैं और सभी को गले लगाते हैं। मोहन भागवत ने कहा कि एक समाज केवल व्यक्तियों और उनके परिवारों से नहीं बनता है, बल्कि उन व्यापक चिंताओं पर विचार करने से बनता है। आरएसएस का काम करने का तरीका विचार आधारित है। मोहन भागत ने स्वयंसेवकों से समुदायों के अंदर संपर्क बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समाज को सशक्त बनाकर समुदाय की कमियों को दूर करने की कोशिश की जानी चाहिए। भागवत ने कहा हमारा ध्यान न्याय, स्वास्थ्य, शिक्षा, और आत्मनिर्भरता पर होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों को हमेशा सक्रिय रहना चाहिए और परिवारों में सद्भाव, पर्यावरण जागरूकता, स्वदेशी मूल्यों और नागरिकों की चेतना को बढ़ावा देना चाहिए, जो एक समाज के लिए बुनियादी चीजे हैं।