यूपी में ईवी चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाने की दिशा में योगी सरकार की बड़ी पहल, लाखों की मिलेगी सब्सिडी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपये तक का अनुदान देगी। शासन की इस पहल से राज्य में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के तहत, चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना लागत को सब्सिडी दी जाएगी, जिससे निवेशकों को राहत मिलेगी। इन्वेस्ट यूपी को इस नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। ईवी चार्जिंग पॉइंट के लिए सब्सिडी देने का निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय प्राधिकृत इलेक्ट्रिक वाहन समिति की बैठक में किया गया।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण एवं गतिशीलता नीति–2022 में किए गए इस संशोधन से चार्ज पॉइंट ऑपरेटर्स की एक प्रमुख समस्या दूर हो गई। नई नीति के अंतर्गत राज्य में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करने वाले ऑपरेटरों को आकर्षक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। उन्हें एक बार पूंजी अनुदान दिया जाता है, जिसमें भवन निर्माण, सिविल वर्क्स, चार्जर, अपस्ट्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी उपकरण, यूटिलिटीज, उपकरण और अन्य संबंधित परिसंपत्तियों (भूमि लागत को छोड़कर) पर हुए निवेश की 20% राशि, अधिकतम 10 लाख प्रति इकाई तक सब्सिडी के रूप में दी जाती है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश को देश का अग्रणी ईवी विनिर्माण और गतिशीलता केंद्र बनाने के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है। वर्तमान में यह नीति सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन इकाइयों को 20% पूंजी सब्सिडी का समर्थन करती है। इस प्रगतिशील समावेश के साथ उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने ईवी चार्जिंग स्टेशनों में अपस्ट्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान किया है, जिससे निवेश का माहौल तैयार होगा और राज्य में ईवी अपनाने की गति को और बल मिलेगा। बता दें कि देश के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार उत्तर प्रदेश में अब तक 12,72,206 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। विकास की गति को बनाए रखने के लिए 450 से अधिक चार्जिंग स्टेशनों को जीआईएस डैशबोर्ड पर जोड़ा जा रहा है। 740+ ईवी बसें प्रमुख मार्गों पर चलाई जा रही और 15 शहरों में 116 ग्रीन रूट्स की पहचान की गई है, जिन पर अगले चरण में ईवी बसें चलाई जाएगी।