बड़ा झटका! सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की 25000 टीचर्स की नियुक्ति, कहा- पूरी चयन प्रक्रिया में धोखाधड़ी और हेरफेर...? जानें क्या है मामला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के तहत 25,000 से ज्यादा टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टॉफ की नियुक्ति रद्द कर दी थी। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजीव कुमार की बेंच ने कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया हेरफेर और धोखाधड़ी से दूषित है और इसकी विश्वसनीयता और वैधता नष्ट हो गई है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, हमने तथ्यों का अध्ययन किया है। पूरी चयन प्रक्रिया हेरफेर और धोखाधड़ी से दूषित है व विश्वसनीया और वैलिडिटी खत्म हो गई है। दखल देने का कोई भी मतलब नहीं है। दागी उम्मीदवारों को बर्खास्त किया जाना चाहिए और नियुक्तियां धोखाधड़ी और इस प्रकार धोखाधड़ी का परिणाम थीं।’ बेंच ने यह भी कहा कि पहले से नियुक्त कैंडिडेट्स को अब तक दिया गया वेतन सौंपने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने विकलांग व्यक्तियों को छूट देते हुए कहा है कि वे अपनी वर्तमान पोस्टिंग पर बने रह सकते हैं। कोर्ट ने आगे आदेश दिया कि नई चयन प्रक्रिया तीन महीने के अंदर पूरी की जानी चाहिए। कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा, ‘नई चयन प्रक्रिया में बेदाग उम्मीदवारों के लिए छूट भी दी जा सकती है।’