Big Breaking: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ‘नेमप्लेट विवाद’! एनजीओ ने योगी सरकार के आदेश को दी चुनौती, कल होगी सुनवाई

नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है। यह याचिका 20 जुलाई की सुबह 6 बजे ऑनलाइन दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट कर लिया है। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच 22 जुलाई को सुनवाई करेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले भोजनालयों, ढाबों, फलों की दुकानों और चाय की दुकानों को मालिकों के विवरण बताने वाली नेमप्लेट प्रदर्शित करने के लिए कहा है। इसे लेकर राज्य समेत देश की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के इस आदेश को सांप्रदायिक करार दिया है और भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया है। वहीं, बीजेपी का कहना है कि हिंदुओं को भी अपनी आस्था की शुद्धता बनाए रखने का वैसे ही पूरा हक है, जैसे अन्य धर्मों के लोगों को। पहले यह आदेश मुजफ्फरनगर पुलिस ने सिर्फ जिले के कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों और भोजनालयों के लिए जारी किया था। विपक्ष के विरोध के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का आदेश दे दिया। इसके अलावा, राज्य सरकार ने घोषणा की है कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।