वकील के ‘डबल रोल’ पर सुप्रीम कोर्ट नाराज! कहा- वकालत कर लो या फिर पत्रकारिता, नहीं दी जा सकती दोहरी भूमिका की अनुमति! जानें क्या है पूरा मामला

Supreme Court angry over lawyer's 'double role'! Said- Be it advocacy or journalism, dual role cannot be allowed! Know what is the whole matter

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील के डबल रोल पर सवाल उठाते हुए सख्त नाराजगी जताई है। पीठ ने सख्त लहजे में कहा कि किसी भी वकील को डबल रोल निभाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। कहा कि ‘आप या तो वकालत कर लीजिए या फिर पत्रकारिता’। दरअसल डॉ. मोहम्मद कामरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस करते हैं और साथ में ही वह स्वतंत्र पत्रकारिता भी करते हैं। उन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज किया था, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। कामरान ने अपनी याचिका में आरोप लगाए थे कि तत्कालीन भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने उन्हें बदनाम करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को सितंबर 2022 में पत्र लिखे थे। जब हाईकोर्ट ने कमरान की मानहानि की अर्जी इस साल मार्च में खारिज हो गई तो उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। याचिका में कामरान ने लिखा कि वह वकील और पत्रकार दोनों हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि नियमों के मुताबिक एक वकील कोई दूसरा पेशा नहीं अपना सकता। पीठ ने अपीलकर्ता मोहम्मद कामरान के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से भी जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है कि एक वकील वकालत के पेशे में रहते हुए पत्रकारिता जैसे पेशे की दोहरी भूमिका कैसे निभा सकता है, जबकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक दोहरी भूमिका निभाना प्रतिबंधित है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दो टूक लहजे में कहा कि किसी भी वकील को डबल रोल निभाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। जस्टिस ओका ने कहा कि आप या तो वकालत कर लीजिए या फिर पत्रकारिता। हम इस तरह की प्रैक्टिस की अनुमति नहीं देंगे। कोर्ट ने अधिवक्ता से कहा कि जो उस समय एक पत्रकार के तौर पर भी काम कर रहा था, जब बार काउंसिल के नियमों में ऐसी दोहरी भूमिकाएं निभाने पर प्रतिबंध है तो आपको हम इसकी इजाजत कैसे दे सकते हैं।जस्टिस ओका ने कहा कि हम ऐसी दोहरी भूमिका की अनुमति नहीं दे सकते। यह एक नेक पेशा है। आप यह भी नहीं कह सकते कि एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। इसके बाद पीठ ने अधिवक्ता-सह-पत्रकार की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नया नोटिस जारी किया। बता दें कि यह मामला मोहम्मद कामरान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य का है।