Big Breaking: तिरुपति प्रसाद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! एसआईटी का ऐलान, बनेगी पांच सदस्यीय टीम
नई दिल्ली। तिरुपति प्रसाद विवाद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है। इस मामले में कोर्ट ने एसआईटी बनाने का ऐलान कर दिया है। पांच सदस्यों की एक टीम बनाने की बात हुई है। एसआईटी की इस टीम में सीबीआई अधिकारियों से लेकर एफएमसीजी के सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इससे पिछली सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि इस मामले में किसी भी तरह की राजनीति से दूर रहा जाएगा और सारा फोकस सिर्फ जांच पर होगा। अब बताया जा रहा है कि एसआईटी में दो सीबीआई के अधिकारी, दो राज्य सरकार के अधिकारी और एक FMCG के सदस्य को रखा जाएगा। वैसे तो राज्य सरकार ने भी इस मामले में एसआईटी का ही गठन किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कहा है कि यह मामला आस्था से जुड़ा हुआ है, ऐसे में इसमें स्वतंत्र जांच होना जरूरी है। उसी वजह से राज्य सरकार की नहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई एसआईटी टीम मामले की जांच करेगी। बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच कर रही है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई मौकों पर कहा कि आस्था से जुड़े मुद्दों में सियासी ड्रामा नहीं होना चाहिए। इसी वजह से एसआईटी बनाई जरूर गई, लेकिन उसमें सभी पक्षों के अधिकारियों को शामिल किया गया। वैसे राज्य सरकार और याचिकाकर्ता ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। राज्य सरकार ने कहा था कि कोर्ट चाहे तो अपना चुना हुआ कोई अधिकारी भी एसआईटी में शामिल करवा सकता है। इसी तरह याचिकाकर्ता चाहते थे कि किसी स्वतंत्र एजेंसी को जांच का जिम्मा सौंप दिया जाए। असल में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू एनडीए की एक बैठक में कहा था कि जो तिरुमाला लड्डू मिलता था, वो खराब क्वालिटी का होता था, वो घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल कर रहे थे। जब से टीडीपी की सरकार आई है, पूरी प्रक्रिया को साफ किया गया है और लड्डू को गुणवक्ता को सुधारा गया है।