आखिर छत्तीसगढ़ में भगवान जगन्नाथ बीमार क्यों हैं? आखिर क्या है राज़, कब निकाली जाएगी रथ यात्रा! जानिए एक क्लिक में
छत्तीसगढ़। भगवान जगन्नाथ ही एक मात्र ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए मंदिर से बाहर निकलकर रथ पर भ्रमण करते हैं। उड़ीसा का पड़ोसी राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक मान्यताओं मे एकरूपता देखने को मिलती है। खास तौर से रथ यात्रा, जो उड़ीसा के पुरी से निकलती है, उसी तरह छत्तीसगढ़ में भी कई सालों से रथ यात्रा निकल रही है। 20 जून को रथ यात्रा का महापर्व मनाया जाएगा। इससे पहले भगवान जगन्नाथ मंदिर के पट बंद हैं, क्योंकि वह बीमार हैं। माना जाता है कि स्नान के बाद वह बीमार पड़ जाते हैं। ऐसे में उन्हें काढ़ा आदि दिया जा रहा है। उसके बाद भगवान स्वस्थ होकर अपनी मौसी के घर जाएंगे।
छत्तीसगढ़ के जगन्नाथ मंदिर के मैनेजर पुरंदर मिश्रा ने इस विषय को लेकर जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि भगवान के पट इसलिए बंद हैं, क्योंकि भगवान जगन्नाथ बीमार है। आज तीसरा दिन है। आज काढ़ा दिया गया है और सातवें और नौवें दिन काढ़ा दिया जायेगा। भगवन स्वस्थ होकर अपनी मौसी के घर जायेंगे। 19 जून को नेत्र उत्सव है, भगवान का जागरण होगा और 20 जून को रथ यात्रा है। इस बार रथ यात्रा को भव्य करने का प्यास कर रहे हैं। क्योंकि पिछले सैलून में कोरोना महामारी के चलते विशाल रथ यात्रा नहीं निकल पाये थे।
इस बार रथ यात्रा में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रीगण, चीफ जस्टिस सहित सभी को न्योता जाता है। सभी को आमंत्रित करेंगें और बड़ी धूम धाम से इस साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली जाएगी। 20 जून को 12 बजे से कार्यक्रम आयोजित होगा। जिस तरह पुरी में तीन रथ बनाये जाते हैं वैसे ही छत्तीसगढ़ की राजधानी में भी तीन रथ बनाये जाते हैं।