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‘सतेंद्र की याद, सतेंद्र के बाद’ श्रद्धांजलि सभा आयोजित! समाजसेवियों, साहित्यकारों और पत्रकारों ने स्व. रावत को दी श्रद्धांजलि

A tribute meeting was held, "Remembering Satendra, After Satendra!" Social workers, writers, and journalists paid tribute to the late Rawat.

नई दिल्ली। दिल्ली के गढ़वाल भवन में ‘सतेंद्र की याद, सतेंद्र के बाद’ श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस दौरान वरिष्ठ समाजसेवी आरपी घिल्डियाल ने नम आंखों से अपने करीबी मित्र सतेंद्र सिंह रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड के सिनेमा के प्रचार-प्रसार में सतेंद्र के अमूल्य योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। वरिष्ठ रंगकर्मी खुशहाल सिंह बिष्ट और उत्तराखंड की फिल्मों की पुरानी अदाकारा संयोगिता ध्यानी ने भी दिवंगत रावत से जुड़े अनेक संस्मरण साझा किए। वरिष्ठ समाजसेवी विनोद कबटियाल ने सतेंद्र सिंह रावत को अपना अभिन्न मित्र बताते हुए रूंधे गले से कहा कि विगत पांच वर्षों में उनके साथ कई अनमोल क्षण हमने व्यतीत किए जो अब यादें बनकर रह गई हैं। वरिष्ठ पत्रकार ब्योमेश चंद्र जुगराण ने कहा कि सतेंद्र सिंह रावत और उनका साथ बहुत कम समय का रहा, लेकिन इतने कम समय में सतेंद्र सिंह रावत अपने व्यक्तित्व की अमिट छाप छोड़ गए हैं।

वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार एवं शिक्षाविद प्रोफेसर प्रदीप कुमार वेदवाल ने सतेंद्र सिंह रावत को याद करते हुए कहा कि वो एक उत्साही, कर्मठ और नेकदिल इंसान थे। कम उम्र में ही उनका निधन हो जाना वास्तव में बहुत दुखद है। उत्तराखंड के सिनेमा की अभिनेत्री रिया शर्मा ने सतेंद्र सिंह रावत के आकस्मिक निधन को उत्तराखंड के सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति बताया। श्रद्धांजलि सभा में उषा ममगाईं ने दिवंगत सतेंद्र सिंह रावत के निश्चल व्यक्तित्व से जुड़े संस्मरण साझा करते हुए दिवंगत आत्मा को स्मरण किया। श्रद्धांजलि सभा का संचालन करते हुए गढ़वाल हितैषणी सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं रंगकर्मी अजय बिष्ट ने उत्तराखंड की फिल्मों के प्रचार-प्रसार में सतेंद्र सिंह रावत की शख्सियत और अहमियत से जुड़े संस्मरण याद किए। उत्तराखंड के सिनेमा से जुड़े राकेश गौड़ और देवा धामी ने अपनी-अपनी यादें साझा करते हुए कहा सतेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड की फिल्मों को दर्शक से जोड़ने की जो मुहिम चलाई थी हमें उस मुहिम को और गति देनी होगी।

श्रद्धांजलि सभा का माहौल उस वक्त और भी अधिक भावुकतापूर्ण हो गया, जब स्वर्गीय सतेंद्र सिंह रावत की बड़ी बेटी आस्था रावत ने बहुत ही भावुकता में लेकिन पूर्ण आत्मविश्वास के साथ कहा कि मुझे अपने पापा जैसा बनना है, मुझे अपने पापा के सपनों को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि आज मेरे पिता को याद करने के लिए सभागार में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से इतनी बड़ी संख्या में लोगों का आना मुझे इस बात का अहसास कराते हैं कि मेरे पिता में समाज के प्रति अपने दायित्व के निर्वहन में अहम योगदान दिया है। इस दौरान कोमल राणा नेगी, सतीश कालेश्वरी, चारू तिवारी, सतेंद्र सिंह नेगी, प्रताप थलवाल, अनिल गौड़, शैलेंद्र मैठाणी, रंगकर्मी शशि बड़ोला, हरेंद्र सिंह रावत, कुलदीप असवाल, दीवान सिंह, यासिका, आनंद, संजय उनियाल आदि ने स्वर्गीय सतेंद्र सिंह रावत को श्रद्धांजलि दी।