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उत्तराखंड बार काउंसिल चुनाव से पहले बड़ा विवाद! वोटर लिस्ट से नाम हटाने के प्रस्ताव का विरोध, हाई-पावर्ड इलेक्शन कमिटी को भेजा पत्र

A major controversy erupts ahead of the Uttarakhand Bar Council elections! Opposition to the proposal to remove names from the voter list, a letter sent to the High-Powered Election Committee.

नैनीताल। उत्तराखंड में लंबे अंतराल के बाद होने जा रहे स्टेट बार काउंसिल चुनावों को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। 4 फरवरी 2026 को प्रस्तावित इन चुनावों से पहले बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने के प्रस्ताव पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हाई-पावर्ड इलेक्शन कमिटी (फेज़-IV-C), उत्तराखंड के सेक्रेटरी को भेजे गए पत्र में वरिष्ठ अधिवक्ता विकास बहुगुणा ने इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है।

 

उन्होंने कहा कि राज्य बार काउंसिल में विधिवत रूप से पंजीकृत और दस्तावेज़ सत्यापन करा चुके कई प्रैक्टिसिंग वकीलों को सिर्फ इस आधार पर वोटर लिस्ट से हटाने का प्रस्ताव है कि उन्होंने डिक्लेरेशन फॉर्म जमा नहीं किया है। उन्होंने इसे न केवल चौंकाने वाला बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताया है।

पहले कोई सूचना नहीं दी गई!

पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि नए लॉ ग्रेजुएट्स के एनरोलमेंट या रजिस्ट्रेशन के समय स्टेट बार काउंसिल द्वारा डिक्लेरेशन फॉर्म को लेकर न तो कोई शर्त रखी गई थी और न ही पूर्व में कोई सार्वजनिक सूचना जारी की गई थी। इसके अलावा अधिवक्ताओं का यह भी कहना है कि इस तरह का कोई नोटिस बड़े स्तर पर प्रकाशित नहीं किया गया, जिससे हजारों योग्य मतदाता इस नियम से अनजान रह गए। विकास बहुगुणा ने यह भी उल्लेख किया कि उत्तराखंड स्टेट बार काउंसिल के चुनाव लगभग सात साल के लंबे अंतराल के बाद होने जा रहे हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में वकीलों को वोट से वंचित करना गंभीर और अनुचित निर्णय होगा। उन्होंने मांग की कि सभी प्रभावित अधिवक्ताओं को डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करने का एक और अवसर दिया जाए, ताकि किसी का भी संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार न छीना जाए।

 

डिक्लेरेशन फॉर्म की अंतिम तिथि बढ़ाने की अपील
अधिवक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अनुरोध किया है कि डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि कम से कम 19 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई जाए, ताकि न्याय विभाग, उत्तराखंड सरकार के 4 दिसंबर 2025 के नोटिफिकेशन के अनुसार संभावित वोटर लिस्ट तैयार की जा सके। उन्होंने चुनाव समिति से इस विषय पर शीघ्र और न्यायसंगत निर्णय लेने की अपील की है।