अजब गजब: हैदराबाद की माइक्रो आर्टिस्ट और लॉ स्टूडेंट ने 150 घण्टे में चावल के 4042 दानों पर लिख डाली पूरी भगवतगीता

एक निवाले में आप कितने चावल खा जाते होंगे क्या कभी आपने गिना है? नहीं ना ये सवाल ही कुछ अटपटा लगा होगा आपको,जिन चावलों को हम बिना गिने खा जाते है उन्ही चावलों पर हैदराबाद की लॉ स्टूडेंट रामगिरि स्वारिका ने पूरी भगवतगीता लिख डाली।जी हां रामगिरि एक माइक्रो आर्टिस्ट भी है उन्होंने चावल के 4042 दानों पर 150 घण्टे से ज़्यादा समय लगाकर भगवतगीता लिख डाली है।रामगिरि के अनुसार वो देश की पहली माइक्रो आर्टिस्ट है,उन्होंने अब तक दो हज़ार से ज़्यादा माइक्रो आर्ट पर काम किया है।


रामगिरि कहती है वह मिल्क आर्ट, पेपर कार्विंग और कई अन्य उत्पादों पर अपनी कलाकारी दिखा चुकी हैं, पिछले दिनों स्वारिका ने हेयर स्ट्रैंड्स पर संविधान की प्रस्तावना लिखी थी, जिसके लिए तेलंगाना के गवर्नर तमिलिसाई साउंडराजन ने उन्हें सम्मानित भी किया था। राष्ट्रीय स्तर पर अपने काम के लिए पहचाने जाने के बाद स्वारिका की इच्छा है कि अब वह इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाएं।


कई पुरस्कार किए हासिल 


रामगिरी ने कहा, "मुझे हमेशा से कला और संगीत में रुचि रही है. इसके लिए बचपन से ही मुझे कई पुरस्कार मिले हैं. चार साल पहले चावल के दाने पर भगवान गणेश की तस्वीर बनाकर माइक्रो आर्ट की शुरुआत की थी. इसके बाद एक ही चावल के दाने पर अंग्रेजी की पूरी वर्णमाला लिखी."


साल 2017 में रामागिरी स्वरिका को अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया गया. 2019 में दिल्ली सांस्कृतिक अकादमी से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और भारत की पहली माइक्रो-आर्टिस्ट के रूप में मान्यता दी गई. हालांकि लॉ की छात्रा होने के नाते स्वारिका का कहना है कि वह एक जज बनना चाहती थीं और कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकती हैं.