कौन हैं निधि तिवारी? जो बनीं प्रधानमंत्री मोदी की निजी सचिव! जानें UPSC में 96वीं रैंक से लेकर पीएमओ तक का सफर, NSA अजीत डोभाल के साथ भी किया है काम

Who is Nidhi Tiwari? Who became the personal secretary of Prime Minister Modi! Know her journey from 96th rank in UPSC to PMO, has also worked with NSA Ajit Doval

नई दिल्ली। 2014 बैच की भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी निधि तिवारी को हाल ही में एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है, जिसके बाद हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है। निधि को प्रधानमंत्री मोदी की प्राइवेट सेक्रेटरी बनाया गया है। पिछले दिनों कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा स्वीकृत इस नियुक्ति की अधिकारिक घोषणा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने की है। 29 मार्च के आदेश के अनुसार निधि तिवारी अपनी वर्तमान भूमिका से हटकर प्रधानमंत्री कार्यालय में नई जिम्मेदारी संभालेंगी। उनका कार्यकाल मौजूदा प्रशासन के कार्यकाल से जुड़ा रहेगा या जब तक आगे कोई निर्देश नहीं दिया जाता। निधि तिवारी वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं। 

बता दें कि आईएफएस अधिकारी निधि तिवारी मूल रूप से पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के महमूरगंज से हैं। उन्होंने 2013 में सिविल सेवा परीक्षा में 96 वीं रैंक हासिल की थी। भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने से पहले उन्होंने वाराणसी में सहायक आयुक्त के रूप में काम किया है। वह 2022 में अवर सचिव के रूप में शामिल होने के बाद 6 जनवरी 2023 से पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत हैं। पीएमओ में अपने कार्यकाल से पहले उन्होंने विशेष रूप से निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के प्रभाग में विदेश मंत्रालय में काम किया था। इंटरनेशनल रिलेशन में उनकी विशेषज्ञता पीएमओ में महत्वपूर्ण रही है, विशेष रूप से ‘विदेश और सुरक्षा’ कार्यक्षेत्र में, जहां वो सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रिपोर्ट करती थीं।


कौन हैं निधि तिवारी?
अपनी नई नियुक्ति से पहले निधि पिछले लगभग ढाई साल से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अपनी सेवाएं दे रही हैं। निजी सचिव बनने से पहले पीएमओ में उप सचिव के रूप में काम कर रही थीं। वह इस पद पर विदेश और सुरक्षा मामलों से संबंधित प्रमुख विभागों को संभाल रहीं थीं। इससे पहले, निधि तिवारी नवंबर, 2022 में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अंडर सेक्रेटरी (अवर सचिव) के रूप में शामिल हुई थीं। 2013 की सिविल सेवा परीक्षा पास करने से पहले उन्होंने वाराणसी में सहायक आयुक्त (वाणिज्य कर) के रूप में भी काम किया था। निधि तिवारी के पति सुशील जायसवाल पेशे से डॉक्टर हैं और वाराणसी में अपने हॉस्पिटल का संचालन करते हैं। निधि के बारे में डॉ. सुशील जायसवाल ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहते हैं, "सर्विस में अलग-अलग ज़िम्मेदारियां मिलती रहती हैं, लेकिन यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। निधि बहुत मेहनती हैं और नौकरी के प्रति उनकी रुचि भी है।" पीएमओ में अपने कार्यकाल से पहले, निधि की तैनाती विदेश मंत्रालय में थी। यहां पर वह निरस्त्रीकरण (डिसआर्मामेंट) और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की टीम का हिस्सा थीं। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उनकी विशेषज्ञता पीएमओ में जाने के बाद अहम साबित हुई, जहां उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के तहत 'विदेश और सुरक्षा' कार्यक्षेत्र में योगदान दिया।

नौकरी से इस्तीफ़ा देकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी
लखनऊ से ताल्लुक रखने वालीं निधि तिवारी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई से लेकर ग्रेजुएशन तक की शिक्षा यहीं से पूरी की। ग्रेजुएशन उन्होंने बीएससी (बायोलॉजी) विषय में किया और पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) का रुख़ किया। साल 2006 में उन्होंने बीएचयू से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई पूरी की और गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके बाद निधि का चयन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में बतौर वैज्ञानिक हुआ। साल 2008 में उन्होंने यहां से इस्तीफ़ा दिया और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। डॉ. सुशील जायसवाल बताते हैं, "वैज्ञानिक की नौकरी से इस्तीफ़ा देने के बाद उनका दो बार चयन (2008 और 2009 में) पीसीएस (यूपी की सिविल सेवा परीक्षा) में हुआ था। 2008 में बेसिक शिक्षा अधिकारी बनीं थीं और 2009 के पीसीएस में उनका चयन असिस्टेंट कमिश्नर (सेल्स टैक्स) के पद पर हुआ था।" 2013 की सिविल सेवा परीक्षा से पहले निधि तिवारी ने 2012 की भी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी, लेकिन तब उनका नाम वेटिंग लिस्ट में था। इस दौरान उन्होंने वाराणसी में असिस्टेंट कमिश्नर (सेल टैक्स) की नौकरी जारी रखी और फिर 2014 में उनका चयन 96 रैंक के साथ सिविल सेवा परीक्षा 2013 में हो गया।