ये कैसा सिस्टमः विधायक जी की गाड़ी को एंट्री! एंबुलेंस के लिए नो-एंट्री, मां का शव लेकर 1 किमी पैदल चले बेबस बेटे

What kind of system is this: Entry for MLA's car! No entry for ambulance, helpless son walks 1 km with mother's dead body

हमीरपुर। यूपी के हमीरपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है और सरकारी सिस्टम पर सवाल उठा रहा है। जिले से सामने आईं दो तस्वीरों ने सरकारी सिस्टम और अधिकारियों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। दरअसल यहां यमुना पुल के मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते शनिवार और रविवार को सुबह छह बजे से सभी तरह के वाहनों को पुल से आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। लोग इस पुल से पैदल ही आवागमन कर रहे हैं। शनिवार सुबह 6ः44 बजे सदर विधायक मनोज प्रजापति की कार को पार कराने के लिए यमुना पुल पर लगी बैरिकेडिंग हटा दी गई। इसके तीन घंटे बाद सुबह 9ः30 बजे टेढ़ा गांव निवासी बिंदा अपनी मां शिवदेवी के शव को लेकर कानपुर से एम्बुलेंस में लौटे, लेकिन पुल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एम्बुलेंस को रोक दिया। इसके बाद बिंदा को स्ट्रेचर पर अपनी मां के शव को करीब 1 किमी तक पुल के उस पार ले जाना पड़ा। फिर उन्होंने शव को एक ऑटो में रखवाया और घर के लिए रवाना हुए। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वीआईपी लोगों के लिए कोई नियम नहीं होते। फिलहाल इस मामले को लेकर लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं, जिसका जवाब किसी के पास नहीं है।