हालात-ए-उत्तराखण्ड: पार्षद के भतीजे का चालान कटा तो पैरवी करने पहुंचे मुख्यमंत्री के चहेते मेयर! सड़क जाम, जनता हलकान, इन हालतों में कैसे होगा काम

रुद्रपुर। इसे सत्ता की हनक कहें या फिर राजनीति में तोले जाना वाला जनाधार ! जो भी हो उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सीधे-सीधे सत्ता के सिस्टम पर सवाल उठाया है।
दरअसल, बुधवार देर शाम रुद्रपुर के नैनीताल हाइवे पर पुलिस चेकिंग अभियान चला रही थी, तभी सामने से आ रही एक बुलेट को पुलिस कर्मियों ने रोक लिया और यातायात नियमों के उल्लंघन में बाइक को सीज कर दिया। चूंकि बाइक सवार युवक भाजपा पार्षद का भतीजा था, ऐसे में भाजपा से जुड़े लोग मौके पर पहुंच गए। देखते ही देखते मामला गरमा गया और बीच सड़क धरना प्रदर्शन शुरू हो गया। इस दौरान जाम की स्थिति बन गई और लोग परेशान हो गए। हैरानी की बात ये है कि सूचना पर मेयर विकास शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने भाजपाइयों को शांत कराते हुए पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल खड़े किए। मेयर के मुताबिक पुलिस को चेकिंग के दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ ही उनके रिश्तेदारों का ख्याल रखना चाहिए और उन्हें माफ करना चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है कि जब जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग ही इस तरह नियमों का उल्लंघन करने वालों के साथ खड़े होंगे तो पुलिस और प्रशासनिक तंत्र कैसे ईमानदारी से काम करेगा। खबरों के मुताबिक बुलेट चालक हाइवे पर बिना हेलमेट लगाए तेज आवाज करते हुए यातायात नियमों की धज्जिया उड़ा रहा था। फिलहाल मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले मेयर के पुलिस और यातायात से जुड़े मामले को लेकर दिया गया ये बयान खासा सुर्खियों में है और तमाम सवाल खड़े कर रहा है।