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उत्तराखंड यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला: हाईकोर्ट रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी गठित, परीक्षा परिणाम की घोषणा पर रोक

Uttarakhand UKSSSC paper leak case: SIT formed under retired High Court judge, stay on declaration of exam results

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उत्तराखंड सरकार ने इस प्रकरण की गहन और निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने की घोषणा की है। मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने मीडिया को बताया कि एसआईटी को एक महीने के भीतर पूरी जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी।

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि जब तक एसआईटी अपनी जांच पूरी नहीं कर लेती, तब तक 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कदम परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि एसआईटी की निगरानी में जांच पूरी होगी और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। इस मामले ने प्रदेश में व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। विपक्ष ने सरकार से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, छात्रों और अभ्यर्थियों के बीच भी चिंता का माहौल बना हुआ है। छात्रगण इस मामले में निष्पक्ष जांच और शीघ्र परिणाम की अपेक्षा कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि एसआईटी पूरी जांच के दौरान सभी पहलुओं की समीक्षा करेगी। इसमें पेपर लीक के स्रोत की पहचान, परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था और संभावित दोषियों की जिम्मेदारी तय करना शामिल होगा। सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि एसआईटी को जांच में किसी भी बाधा का सामना न करना पड़े और टीम को सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने कहा कि छात्रों के हित को सर्वोपरि रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जांच निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। एसआईटी तुरंत अपना कार्यभार संभाल चुकी है और अधिकारियों ने आदेश का पालन करते हुए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तराखंड सरकार शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और ईमानदारी को सर्वोपरि मानती है। छात्रों, अभ्यर्थियों और आमजन को भरोसा दिया गया है कि पेपर लीक प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।