उत्तराखण्डः जोशियाड़ा बैराज से बरामद हुआ दस दिन से लापता पत्रकार का शव! उठ रहे सवाल, हादसा या षड्यंत्र?

उत्तरकाशी। युवा पत्रकार राजीव प्रताप का शव जोशियाड़ा बैराज की झील से बरामद हुआ। बीते दस दिन से लापता राजीव की मौत से परिजन और क्षेत्रवासी आक्रोश में हैं। जानकारी के मुताबिक आपदा प्रबंधन विभाग को झील में शव दिखाई देने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस, एनडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम ने शव को बाहर निकाला। इसके बाद परिजनों ने शव की पहचान राजीव प्रताप के रूप में की। बताया जाता है कि पत्रकार राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात करीब 11 बजे अचानक लापता हो गए थे। वे अपने एक दोस्त की कार लेकर गंगोत्री की ओर निकले थे, लेकिन कार अगले दिन भागीरथी नदी में स्यूंणा गांव के पास खाली मिली। इसके बाद परिजनों की तहरीर पर पहले गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया, बाद में इसे अपहरण की धाराओं में बदल दिया गया। पुलिस और एनडीआरएफ ने घटनास्थल व आसपास के इलाकों में दस दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाया। इधर राजीव का शव बरामद होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि राजीव की मौत हादसा थी या किसी षड्यंत्र का नतीजा। हांलाकि पुलिस ने कहा है कि पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। बता दें कि राजीव की पत्नी ने पहले वीडियो में दावा किया था कि उत्तरकाशी जिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के कारण उनके पति को धमकियां मिल रही थीं। इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार राजीव प्रताप के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने घटना की गहन एवं निष्पक्ष जांच के भी निर्देश दिए हैं।