उत्तराखण्ड: निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेजों को हाईकोर्ट से लगा बड़ा झटका! जानें क्या है मामला?

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट से राज्य के निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने इन मेडिकल कॉलेजों की रिव्यू अपील खारिज करते हुए 2018 में एकलपीठ द्वारा पारित आदेश को सही ठहराया है । 2018 में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उस शासनादेश को रद्द कर दिया था जिसमें आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों का शुल्क 80 हजार की बजाय 2.15 लाख रुपये फीस निर्धारित किया था । बता दें कि 14 अक्टूबर 2015 को जारी एक शासनादेश के अनुसार आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों की फीस 80 हजार रुपये से बढ़ाकर 2.15 लाख रुपये कर दी थी । जिसे 2013-14 सत्र से लागू माना गया था। इस शासनादेश को बीएमएस के छात्र ललित तिवारी व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी । जिसमें कहा था कि सरकार को 2006 में बने अधिनियम के मुताबिक शुल्क वृद्धि का अधिकार नहीं है। यह अधिकार फीस निर्धारण नियामक समिति को है। इस आधार पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 9 जुलाई 2018 को यह शासनादेश रद्द कर दिया था। एकलपीठ के इस आदेश को हिमालयन मेडिकल कॉलेज देहरादून व आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के संगठन "एसोसिएशन ऑफ कम्बाइंड इंट्रेंस एक्जाम" ने डिवीजनल पीठ में चुनौती दी। खण्डपीठ ने भी यह अपील 9 अक्टूबर 2018 को खारिज कर दी। जिसके खिलाफ उपरोक्त द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। जिसमें खंडपीठ ने 21 नवम्बर 2020 में याचिका को पुनः सुनने के लिये मंजूर करते हुए एकलपीठ द्वारा 2018 में पारित आदेश पर रोक लगा दी थी।