गोवा अग्निकांड से उत्तराखंड पुलिस ने लिया सबक! डीजीपी ने प्रदेश के सभी प्रतिष्ठानों में फायर सेफ्टी ऑडिट का दिया निर्देश
गोवा के एक नाइट क्लब में भीषण आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी। अनेक लोग बुरी तरह झुलस गए थे। इस हादसे में उत्तराखंड के 9 लोगों की जान भी गई थी। गोवा अग्निकांड के बाद उत्तराखंड ऐसी घटनाओं को लेकर अलर्ट मोड पर है। डीजीपी ने अगले एक सप्ताह में प्रदेश के सभी प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा ऑडिट के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा शीतकालीन चारधाम यात्रा मार्गों पर सुरक्षा और संचालन व्यवस्था को सशक्त बनाने पर विशेष जोर देने के निर्देश भी दिए गए हैं। उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ की अध्यक्षता में गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गढ़वाल और कुमाऊं रेंज सहित सभी जनपदों, रेलवे और एसटीएफ के वरिष्ठ अफसरों और पुलिस अधीक्षकों के साथ राज्य में फायर सेफ्टी ऑडिट और अपराध एवं कानून व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
डीजीपी ने गोवा में हुए अग्निकांड के मद्देनजर राज्य में जन-सुरक्षा के लिए अग्नि सुरक्षा उपाय किए जाने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिए हैं। सभी जनपद प्रभारी आगामी क्रिसमस पर्व और नववर्ष के जश्न के मद्देनजर प्रदेश में स्थित ऐसे सभी प्रतिष्ठानों जैसे- कैफे, पब, बार, रेस्टोरेंट, होटल, बैंक्वेट हॉल, इवेंट वेन्यू, मॉल आदि जहां अधिक संख्या में लोग एकत्रित होते हैं, वहां का अग्नि सुरक्षा के मानकों के लिए जिलाधिकारी से समन्वय कर समग्र फायर सेफ्टी ऑडिट करने को कहा है। अग्नि सुरक्षा के लिए उपलब्ध सभी उपकरणों की उपलब्धता, कार्यक्षमता और पर्याप्तता की गहन जांच की करने को कहा गया है. ये ध्यान रखने को कहा गया है कि सार्वजनिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में स्थापित सभी फायर हाइड्रेंट पूरी तरह से क्रियाशील रहें। सभी संवेदनशील प्रतिष्ठानों में अनिवार्य रूप से पर्याप्त अग्निशमन उपकरण, अग्निशामक यंत्र, आपातकालीन निकास का स्पष्ट चिन्हीकरण और उनका अवरोध मुक्त रख-रखाव किया जाए. साथ ही प्रतिष्ठानों में नियुक्त स्टाफ को अग्निशमन संबंधी प्रशिक्षण समय-समय पर दिया जाए ये सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही डीजीपी ने कहा कि संवेदनशील प्रतिष्ठानों का नियमित आकस्मिक निरीक्षण किया जाए. मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर नियम अनुसार कठोर कार्रवाई की जाए।