उत्तराखंड:NH-74 घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला!घोटाले का पर्दाफाश हुआ था साल 2017 में

उत्तराखंड में (राष्ट्रीय राजमार्ग) NH 74 में हुए घोटाले में मुख्य 10 आरोपियों के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कांग्रेस शासन काल में हुए इस घोटाले का पर्दाफाश 2017 में किया गया था। 


मामले के मुताबिक 2011 करोड़ के NH 74 घोटाले में पीसीएस अधिकारी रहे डीपी सिंह, अर्पण कुमार, संजय चौहान, विकास, भोले, भगत सिंह फोनिया, रमेश कुमार, मदन मोहन पलड़िया,बरिंदर सिंह,ओम प्रकाश सहित कुल 10 आरोपी हैं।इस मामले में तत्कालीन डीएम पंकज पांडे और एनएच के अभियंताओं को भी पहले आरोपी बनाया था, लेकिन बाद में निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।

आरोपियों ने एनएच 74 मामले में कृषि भूमि को अकृषि बनाने के लिए षड्यंत्र किए, जो जांच में पकड़ में आ गई। इस मामले में ईडी ने भी आरोपियों की अलग-अलग जांच की थी और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए थे। वहीं, इस मामले में पीएससी अधिकारी रहे डीपी सिंह को निचली अदालत ने मुख्य रूप से दोषी माना था और उनके खिलाफ 6 मामले दर्ज किए गए थे।।इन आरोपियों ने अलग अलग याचिकाएं दायर कर निचली  के 28 अप्रैल 2022के आदेश को चुनौती हाईकोर्ट में दी थी।जिसने ईडी से कहा गया था कि इनके खिलाफ अलग अलग मुकदमे दर्ज किए जाएं, जिसके बाद ईडी ने उनके खिलाफ अलग अलग मुकदमे ही दर्ज किए। याचिकाओं में कहा गया कि निचली अदालत का आदेश गलत है पहले के मुकदमों को वापस नही लिया जा सकता। घोटाले में आरोपियों के खिलाफ अलग अलग शिकायतें दर्ज हैं । डी.पी. सिंह के खिलाफ 7 शिकायतें दर्ज हैं । अगर वे एक केस में उपस्थित नहीं होने का प्राथर्ना पत्र देते है तो उन्हें अन्य छः केसों में भी प्रार्थना पत्र देना पड़ेगा।और नही देने पर उनके खिलाफ कुछ भी आदेश हो सकता है इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाय । NH 74 घोटाले में SIT ने 2011 करोड़ रुपये के घोटाले की पुष्टि 2017 में की थी ,जिसमे कई अधिकारी , कर्मचारी और किसान शामिल थे जिन्होंने किसानों की कृषि योग्य भूमि को अकृषि दिखाकर ये काम किया।

 एक मार्च 2017 को तत्कालीन आयुक्त सेंथिल पांडियन ने घोटाले की आंशका जताई थी । उधमसिंह नगर के डीएम को जाँच के आदेश दिए गए थे । जाँच सही पाए जाने पर तत्कालीन ADM प्रताप साह ने पंतनगर के सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया था । इनके अलावा कई और लोगों के भी नाम सामने आए थे, जिन्हें जेल भेज दिया गया। जबकि दो IAS अधिकारी भी निलंबित हुए। फ़िलहाल NH 74 घोटाले के आरोपी जमानत पर रिहा है ।
अब इस मामले में उत्तराखंड हाई कोर्ट में न्याय मूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने सभी मामलों की सुनवाई पूरी कर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।