उत्तराखण्डः चुनाव को टाई कराए जाने के मामले पर हारे प्रत्याशी की याचिका पर सुनवाई! हाईकोर्ट ने एसडीएम से पूछा- किस नियम के तहत आप वहां मौजूद थे, अगली सुनवाई 18 को

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बीते दिनों हुए ग्राम प्रधान के चुनाव में ग्राम कुंड, टिहरी गढ़वाल में मतगणना के दिन उपजिलाधिकारी की उपस्थिति वहां होने व चुनाव को टाई कराए जाने के मामले में हारे प्रत्याशी की याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ती आशीष नैथानी की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तिथि नीयत की है। पूर्व के आदेश पर मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग की तरफ से उनका पक्ष रखते हुए कहा गया कि चुनाव को शान्ती पूर्वक निपटाने के लिए उन्हें ऑब्जर्वर के रूप में वहां मौजूद रही, ताकि चुनाव शांति पूर्वक हो सके। इस सम्बंध में उनके द्वारा एक शपथ पत्र कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन कोर्ट उससे सन्तुष्ट न हुई। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि आप किस प्रावधान के तहत वहां मौजूद रहीं। जबकि वहां आरओ व एआरओ मौजूद थे, और दोनों पक्षो के बीच मामला टाई हो गया था। उसके बाद भी आपने सेल फोन का उपयोग किया। जबकि आपके द्वारा ग्राम प्रधानों की हारे हुए प्रत्याशियों की समस्त चुनाव याचिकाएं सुनी जाती हैं। किस नियम के तहत आप वहां मोजूद रहीं। इसपर जवाब आने वाली तिथि से पहले कोर्ट में पेश करें। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हारे हुए प्रत्याशी के अनुरोध पर उस वीडियो को देखा, जिसमें उपजिलाधिकारी मतगणना स्थल पर मौजूद थीं और फोन कर रही थीं। जबकि मतगणना के दौरान हारे प्रत्याशी के अभिकर्ता को अंदर नही जाने दिया गया।
मामले के अनुसार टिहरी जिले का ग्राम कुंड पट्टी दसजुला जिला टिहरी की ग्राम प्रधान की उम्मीदवार मधु देवी नौटियाल ने उच्च न्यायालय में न्याय की गुहार लगाकर कहा है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। मतगणना के समय वे जीत गयी थीं, लेकिन उन्हें एक मत जो अधिक पड़ा था उसको बिना किसी आधार के निरस्त कर दिया गया। लाटरी सिस्टम के आधार पर हारे हुए प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया गया। जबकि वह मत उनके पक्ष में पड़ा था। उसमें किसी भी तरह की टेम्परिंग नही हुई थी। जब इसका विरोध उनके अभिकर्ता द्वारा किया गया, तो उसे अंदर नही आने दिया गया। जबकि एसडीएम वहां मौजूद थीं, जो कि चुनाव आयोग के नियमों विरुद्ध है। जबकि उनके द्वारा ग्राम प्रधानों की चुनाव याचिकाएं सुनी जाती हैं। वे कैसे मतगणना स्थल में आ सकती हैं। इसपर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि किस नियम के तहत वहां मौजूद रहे। उसका जवाब आने वाले मंगलवार तक कोर्ट में पेश करें।