उत्तराखण्डः आपदा में स्वास्थ्य विभाग ने जीता दिल! गांव में महिला की कराई सुरक्षित डिलीवरी, जच्चा-बच्चा स्वस्थ

रुद्रप्रयाग। बसुकेदार क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि के बाद से पूरे जिले में आपदा जैसी स्थिति बनी हुई है। इसके बावजूद भी जिले के सभी विभाग अपने-अपने कार्यों को तेज़ी से अंजाम दे रहे हैं। तालजामण क्षेत्र में बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल कर दी गई है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर रही हैं। इसी क्रम में जखोली ब्लॉक के बकसिर गांव में मेडिकल टीम ने एक 21 वर्षीय महिला की सुरक्षित डिलीवरी उसके घर पर ही करवाई। महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। बड़ी बात ये की मेडिकल टीम संपर्क मार्ग टूटे होने के बाद बड़ी ही विकट परिस्थितियों में महिला के घर पहुंची और महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार देर रात सूचना मिली कि सक्षमा देवी पत्नी पंकज चंद को अत्यधिक प्रसव पीड़ा हो रही है। सूचना मिलते ही प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जखोली डॉ. खुशपाल सिंह के निर्देशन में एक मेडिकल टीम गठित कर महिला के घर भेजी गई। टीम में डॉ. अयोध्या फार्मासिस्ट प्रदीप साह और सीएचओ मोहित शामिल थे। टीम देर रात गांव पहुंची और स्थानीय दाई की सहायता से महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया। इस दौरान प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. खुशपाल सिंह भी लगातार टीम के संपर्क में रहे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रकाश ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। महिला के परिजनों के संपर्क में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार बनी हुई है, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या न हो।
गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की मांग
आपदा प्रभावित बसुकेदार क्षेत्र की विभिन्न गांवों की गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की मांग ज्येष्ठ प्रमुख जखोली ने जिला प्रशासन से की है। ताकि महिलाओं का समय से सुरक्षित प्रसव हो सके। जखोली ब्लॉक के ज्येष्ठ उप प्रमुख नवीन सेमवाल ने एसडीएम जखोली भगत फोनिया को दिए ज्ञापन में कहा कि गत गुरूवार को बसुकेदार क्षेत्र के तालजामण, बडे़थ, स्यूर, अरखुंड समेत कई स्थानों पर अतिवृष्टि से भारी नुकसान पहुंचा है। जिससे पूर्वी बांगर के गांवों को जोड़ने वाले मोटरमार्ग के साथ पैदल मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कतें गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि उच्छोला, माथ्यागांव, बक्सीर, भुनालगांव, डांगी खोड की आशा कार्यकर्ताओं से बात कर गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की मांग की। जिसमें नीमा देवी, संगीता देवी, शशि व अर्चना देवी समेत कई गांवों की गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न गांवों से संपर्क कर गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की मांग की है।