उत्तराखंड Good News:हरिद्वार उधमसिंह नगर के बाद चंपावत जिले से भी खत्म हुई ब्रिटिश कालीन राजस्व पुलिस व्यवस्था, रेगुलर पुलिस व्यवस्था वाला पहला पहाड़ी जिला बना चंपावत!

Uttarakhand Good News: After Haridwar Udham Singh Nagar, the revenue police system ended in Champawat district, Champawat became the first district with regular police system!

160 साल से अधिक पहले अंग्रेजी शासनकाल में राजस्व पुलिसिंग व्यवस्था को लागू किया गया था, वह आज भी जारी है। उत्तराखंड के 60 फीसदी इलाकों में रेवेन्यू पुलिसिंग व्यवस्था के जरिए लोगों को सुरक्षा दी जाती है। इस पुलिस को अब सरकार ने इस डेढ़ शतक से अधिक पुरानी परंपरा को बदलने की तैयारी कर ली है इसी कड़ी में हरिद्वार और उधमसिंह नगर के बाद अब चंपावत जिले से भी राजस्व पुलिस व्यवस्था पूरी तरह खत्म कर दी गयी है।

चंपावत जिले के लिए ये एक बड़ी खुशखबरी है। वही अब चंपावत जिला नियमित पुलिस व्यवस्था वाला पहला पहाड़ी जिला बन गया है। नेपाल सीमा सटे चंपावत जिले में राजस्व पुलिस की व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गयी है,अब चंपावत जिले के 75 राजस्व गांवों को नियमित पुलिस से जोड़ दिया गया है जो पूरे उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के लिए एक मिसाल बन गया है।
इस निर्णय के बाद अब राजस्व पुलिस का अंडर आने वाले केसों में होनी वाली देरी से निजात मिल सकेगी साथ ही अब अपराधों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।
देवेंद्र पींचा एसपी, चंपावत का कहना है कि चंपावत जिले के सभी राजस्व गांव अब नियमित पुलिस के अधीन आ गए हैं। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के बाद यह पहला पहाड़ी जिला है, जिसकी कानून व्यवस्था रेगुलर पुलिस के पास आ गई है। इस एकीकृत व्यवस्था से कानून व्यवस्था को और बेहतर करने में मदद मिलेगी।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में अब तक हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों की कानून व्यवस्था नियमित पुलिस के पास थी। अब इस श्रेणी में प्रदेश का पहला पर्वतीय जिला चंपावत भी शामिल हो गया है। 90 किलोमीटर की नेपाल सीमा से लगे चंपावत जिले का 85 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र पर्वतीय है। इस पहाड़ी क्षेत्र में दो कोतवाली और चार थाने हैं। शेष 15 प्रतिशत मैदानी हिस्सा टनकपुर में दो थाने हैं। मैदानी हिस्से का समूचा क्षेत्र पहले से ही रेगुलर पुलिस के पास था। पहाड़ के 75 गांव राजस्व पुलिस के पास थे। अब इन सभी गांवों को लोहाघाट थाने में बनाई गई चौकी बाराकोट में शामिल कर दिया गया है। इस चौकी में इन 75 गांवों सहित कुल 103 गांव शामिल किए गए है।

चंपावत जिले के थाने-कोतवाली और उनमें शामिल गांवों की संख्या निम्न है।
चंपावत कोतवाली: 156, पंचेश्वर कोतवाली: 96, लोहाघाट थाना: 139, तामली: 48, रीठा साहिब: 32, पाटी: 114, टनकपुर: 28, बनबसा: 10 गांव।
चंपावत जिले की नौ पुलिस चौकी:
बनबसा शारदा बैराज, मनिहारगोठ, बूम, ठुलीगाड़, चल्थी, डांडा, रौसाल, मडलक और बाराकोट।
रेगुलर पुलिस में शामिल होने से ये लाभ होंगे
- राजस्व पुलिस के पास आधुनिक तकनीक, संसाधन और पुलिस के प्रशिक्षण की कमी से अपराध से निपटने में अड़चन आती थी। राजस्व पुलिस क्षेत्र में हुए अपराध भी रेगुलर पुलिस क्षेत्र को स्थानांतरित किया जाता है। संवेदनशील और सीमांत क्षेत्र में अब आपराधिक वारदातों से निपटने में दिक्कतें कम होंगी।
- पुलिस की पूरी व्यवस्था एकीकृत हो गई है, इससे किसी अन्य विभाग से समन्वय की जरूरत नहीं होगी और बेहतर नियंत्रण होगा।