उत्तराखंड रजत जयंती पर अगले 25 सालों का खींचा जाएगा खाका, मुख्य सचिव कर रहे खुद मॉनिटरिंग
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 साल पूरे होने पर न केवल अब तक की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा जाएगा। बल्कि, आगामी 25 सालों का लेखा-जोखा भी सार्वजनिक होगा। खास बात ये है कि तमाम कार्यक्रमों की खुद मुख्य सचिव मॉनिटरिंग करेंगे। साथ ही विभागीय स्तर पर तैयार होने वाले दस्तावेजों को बारीकी से देखकर समीक्षा करेंगे।
उत्तराखंड में रजत जयंती समारोह को भव्य रूप में मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने सचिवालय में आयोजित बैठक में बताया कि 1 नवंबर से 9 नवंबर तक प्रदेशभर में रजत जयंती समारोह आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों का उद्देश्य न केवल अब तक की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है, बल्कि अगले 25 सालों के विकास की रूपरेखा तय करना भी है। वैसे तो सरकार का फोकस जनता तक 25 सालों के दौरान हुए कामों को पहुंचाना होगा, लेकिन इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण भविष्य के 25 सालों के लिए सरकार की सोच को कागज पर उतारना भी होगा। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो भविष्य के 25 सालों के प्लान भी तैयार करें. ताकि, रजत जयंती वर्ष कार्यक्रम के दौरान लोग आने वाले 25 सालों की सरकार की सोच को भी जान सके। सरकार अपनी उपलब्धियों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोड कनेक्टिविटी को मुख्य तौर पर जोड़ेगी।
दरअसल, राज्य सरकार आधारभूत संरचनाओं में पिछले 25 साल के दौरान हुई बेहतरी को मुख्य रूप से जनता के सामने रखेगी। इसके अलावा उद्योग, पर्यटन रोजगार से जुड़े क्षेत्रों को भी जगह देगी. ताकि, क्षेत्रों में हुई प्रगति प्रमुख रूप से झलके। समारोहों में राज्य निर्माण में योगदान देने वाले सभी वर्गों श्रमिकों, किसानों, महिलाओं, पूर्व सैनिकों और युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करें। ताकि, यह आयोजन जन-जन का उत्सव बन सके। बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि रजत जयंती केवल उत्सव का अवसर न होकर राज्य के विकास की दिशा तय करने वाली मील का पत्थर बने। इसके तहत सरकार न केवल उपलब्धियों का मूल्यांकन करेगी। बल्कि, उन चुनौतियों की पहचान भी करेगी, जो आने वाले सालों में विकास की गति को प्रभावित कर सकती हैं। राज्य सरकार अब अगले 25 सालों का रोडमैप तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर चुकी है। इसमें सतत विकास, जल-संरक्षण पर्वतीय अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन, तकनीकी नवाचार और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। रजत जयंती समारोह इस संकल्प का प्रतीक बनेगा कि उत्तराखंड आने वाले 25 सालों में समावेशी और आत्मनिर्भर विकास की नई कहानी लिखेगा। वहीं, रजत जयंती को लेकर तैयारियां जोरों पर है। इससे पहले 3 और 4 विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया है।