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उत्तराखण्डः नदियों में जमा शिल्ट हटाने का पालन न करने का मामला! हाईकोर्ट ने दिया एक्शन प्लान पेश करने का आदेश

Uttarakhand: Case of non-compliance with the removal of silt deposited in rivers! High Court orders to present an action plan

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में पूर्व में जारी आदेशों के बाद भी नदियों में जमा शिल्ट हटाने का पालन न करने को लेकर स्वतः संज्ञान वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने सचिव खनन, पीसीसीएफ व सचिव खनन से 17 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होकर नदियों को चेनलाइजेशन करने के लिए एक्शन प्लान पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 सितंबर की तिथि नियत की है। बता दें कि समाजसेवी चोरगलिया निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नंधौर नदी सहित गौला कोसी, गंगा, दाबका में हो रहे भूकटाव व बाढ़ से नदियों के मुहाने अवरुद्ध होने के कारण उनका अभी तक चेनलाइजेशन नही करने के कारण अाबादी क्षेत्रों में जल भराव, भू कटाव हो रहा है। उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेशों का अनुपालन भी नही किया गया। पूर्व में न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि राज्य सरकार सम्बंधित विभागों को निर्देश जारी कर नदियों में जमा शिल्ट हटाएं, ताकि नदियां के बहाव में कोई रुकावट न आए। जनहित याचिका में कहा गया था कि 15 जून के बाद मानसून सत्र शुरू हो जाएगा, लिहाजा पूर्व के आदेशों का पालन शीघ्र कराया जाए। ताकि आपदा जैसी घटनाएं न घटित हो। राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि मानसून सत्र प्रारम्भ होने से पहले पूर्व के आदेशों का पालन कराया जाए, न कि मानसून सत्र समाप्त होने के बाद।