उत्तराखण्डः होर्डिंग और यूनिपोलों के टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता का मामला! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, निगम व सरकार को रिपोर्ट पेश करने के दिए आदेश

Uttarakhand: Case of irregularities in the tender process of hoardings and unipoles! Hearing held in High Court, orders given to submit report to corporation and government

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नगर निगम देहरादून में 10 वर्षों से होर्डिंग, यूनिपोलों के टेंडर प्रक्रिया में हुई अनियमितता के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम व राज्य सरकार से 4 सप्ताह में कार्यवाही कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 3 दिसंबर की तिथि नियत की है। बता दें कि देहरादून निवासी अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि भाजपा के दस साल कार्यकाल में यूनिपोल व होर्डिंग के टेंडर में करोड़ों रुपये की अनियमितता हुई है। जिससे नगर निगम को 300 करोड़ रुपये का राजस्व का नुकसान हुआ है। इस नुकसान के सम्बन्ध में उनके द्वारा 2023 में मेयर व सचिव शहरी विकास प्रत्यावेदन दिया गया। लेकिन उनके प्रत्यावेदन पर कोई विचार नही किया गया। उनके द्वारा अपने प्रत्यावेदन में कहा गया कि 2019 में नगर निगम द्वारा इसके सर्वे के लिए एक कमेटी गठित की।

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 325 अवैध होर्डिंगों की वसूली किसके द्वारा की गई। ऐसा कौन है जो अवैध तरीके से होर्डिंग बेच रहा है? उनके द्वारा शिकायत करने के बाद भी इसकी जांच नही हुई। जांच नही होने से नगर निगम को करोड़ों रूपये की राजस्व की हानि हो रही है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जांच कराई जाय। 2019 में नगर निगम द्वारा एक सर्वे कमेटी बनाई गई, इसने 325 अवैध होर्डिंग की रिपोर्ट दी, किंतु आजतक यह नहीं बताया गया कि अवैध होर्डिंग जनता में बेच कौन रहा था? क्या यही तीन कंपनिया थी या इनकी सहयोगी कंपनिया थी? और जो भी कंपनिया अवैध होडिंग बेच रही थी उस अवैध राजस्व वसूली पर नगर निगम ने क्या कार्यवाही की?