उत्तराखण्ड ब्रेकिंगः शक्तिमान घोड़े का केस! हाईकोर्ट ने दिए आदेश, प्रस्तुत करें फाइल
नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने पुलिस के शक्तिमान घोड़े के केस में सीजेएम कोर्ट देहरादून से बरी हुए पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने तथा इस सम्बंध में केस की समस्त पत्रावली याचिकर्ता को दिलाए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद कोर्ट की एकलपीठ ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय देहरादून को आदेशित किया है कि शक्तिमान घोड़े से संबंधित केस की फाइल को हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर की तिथि नियत की गई है। बता दें कि होशियार सिंह बिष्ठ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि 14 मार्च 2016 को विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा का धरना था। पुलिस ने इन लोगों को रिस्पना नदी पर रोक लिया था। इस समय यहां पर घुड़सवार पुलिस भी मौजूद थी। झड़प के दौरान पुलिस के शक्तिमान घोड़े की टांग टूट गयी। जांच करने पर पुलिस ने बलुआ करने के आरोप में गणेश जोशी, प्रमोद बोरा, जोगेंद्र सिंह पुंडीर, अभिषेक गौर और राहुल रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बाद में पुलिस ने इन पांचों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस दौरान सरकार ने केस वापस लेने हेतु कोर्ट में दो बार प्रार्थना पत्र दिया, परन्तु कोर्ट ने केस वापस नही लेने दिया। कुछ समय बाद इन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। 23 सितम्बर 2021 को सीजेएम कोर्ट देहरादून ने इन पांचों अभियुक्तों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।याचिकर्ता का कहना है कि इन्होंने पशु क्रूरता की है। निचली अदालत ने इन्हें सबूतों के अभाव में बरी किया हुआ है, जबकि इनके खिलाफ कई सबूत हैं। पुलिस की वीडियो ग्राफी भी है, जिसे अनदेखा किया गया। इसलिए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए उन्हें सीजेएम कोर्ट देहरादून से केस की समस्त पत्रावली दिलाई जाए। याचिका में राज्य सरकार, डिस्ट्रिक्ट/सेशन जज देहरादून, गणेश जोशी, प्रमोद बोरा, जोगेंद्र सिंह पुंडीर, अभिषेक गौर और राहुल रावत को पक्षकार बनाया गया है।