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उत्तराखण्ड ब्रेकिंगः बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामला! सुप्रीम कोर्ट में कल हो सकती है सुनवाई, पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च

 Uttarakhand Breaking News: Banbhulpura Railway Land Encroachment Case! Supreme Court hearing expected tomorrow, police conduct flag march

हल्द्वानी। बनभूलपुरा में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण मामले में कल 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है। ऐसे में पुलिस और प्रशासनिक अमला पूरी तरह अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है। आज मंगलवार को पुलिस ने क्षेत्र में फ्लैग मार्च कर कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील की। वहीं एसएसपी डॉ. मंजुनाथ टीसी द्वारा अधीनस्थ प्रभारियों को कार्यवाही के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रबन्ध करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपील है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करें, तथा अग्रिम कार्यवाही में शासन-प्रशासन का सहयोग करें। शांति व्यवस्था बनाए रखें, अफवाह न फैलाएं, किसी भी तरह की गलत बयानबाजी तथा किसी प्रकार का व्यवधान करने एवं कानून व्यवस्था की स्तिथि को बिगाड़ने का प्रयास न करें। 

भारी फोर्स के साथ अधिकारियों ने निकाला फ्लैग मार्च
इधर आज मंगलवार को पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार कत्याल द्वारा ड्यूटीरत पुलिस बल को भलि भांति ब्रीफ कर सतर्क रहने के निर्देश दिए। इसके बाद रेलवे स्टेशन, ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, लाईन नं- 17, इन्द्रानगर बड़ी रोड, मुजाहिद चौक, गोपाल मंदिर, ठोकर, शनि बाजार रोड, छोटी रोड इन्द्रानगर, ठोकर, ताज मस्जिद, 16 नंबर तिराहा, गांधी नगर, बिलाली मस्जिद, लाईन नंबर 8, चोरगलिया रोड, ताज चौराहा, भारद्वाज चौराहा, रेलवे स्टेशन गेट, फर्नीचर लाईन से चोरगलिया रोड आदि क्षेत्रों में फ्लैग मार्च निकाला गया।

ये है पूरा मामला?
गौरतलब है कि बनभूलपूरा भूमि मामले में वर्ष 2022 में नैनीताल हाईकोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई थी। जिस पर रेलवे द्वारा दावा किया गया था कि बनभूलपुरा की लगभग 30 हेक्टेयर भूमि रेलवे विभाग की है। जिस पर हाईकोर्ट ने वर्ष 2023 पर फैसला सुनाते हुए अतिक्रमणकारियों को हटाने के आदेश दिए थे। प्रशासन के सहयोग से रेलवे विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने का प्रयास भी किया गया था, लेकिन इस बीच स्थानीय लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट की शरण ले ली गई थी। जिसके बाद से मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। मामले में संभावना जताई जा रही थी कि कोर्ट 10 दिसंबर को अपना फैसला सुना सकता है।