उत्तराखण्डः नाबालिग को वाहन चलाने की अनुमति देना पिता को पड़ा भारी! जज ने कोर्ट उठने तक की सुनाई सजा, 25 हजार का लगा जुर्माना

Uttarakhand: Allowing a minor to drive proved costly for the father! Judge sentenced till the court rises, fined Rs 25,000

पिथौरागढ़। अपने नाबालिग बेटे को वाहन चलाने की अनुमति देना एक पिता को भारी पड़ गया। मामला कोर्ट पहुंचा तो पिता को सजा भुगतनी पड़ी। इस दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट तान्या मिड्ढा की अदालत ने पिता को दोषी करार देते हुए न्यायालय उठने तक वहीं रहने की सजा सुनाई और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना ना देने पर पिता को दो माह का कारावास भुगतना होगा। मामला मई 2023 का बताया जा रहा है। जहां पिथौरागढ़ कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत घंटाकरण में चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक स्कूटी वाहन को रोका। जहां शक होने पर पुलिस ने नाबालिग से पूछताछ की और पुलिस ने उसके परिजनों को दस्तावेजों के साथ बुलाया परिजनों ने मौके पर पहुंचकर दस्तावेज दिखाए तो स्कूल की अंकतालिका के हिसाब से बच्चा नाबालिग निकला। नाबालिग पुत्र को वाहन देने पर पुलिस ने उसके पिता मो. आदिल के खिलाफ धारा 199 ए और 207 मोटर वाहन अधिनियम के तहत केस दर्ज कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। तब से यह मामला न्यायालय में चल रहा था। शनिवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट तान्या मिड्ढा ने नाबालिग पुत्र को वाहन देने का दोषी पाते हुए पिता को न्यायालय उठने तक वहीं रुकने की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। पिता द्वारा जुर्माना नहीं जमा करने की स्थिति में 2 महीने का साधारण कारावास भुगतना होगा। बताया जा रहा है कि नाबालिग को वाहन देने पर न्यायालय से पिता को सजा मिलने का जिले में यह पहला मामला है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने को ना दें।