उत्तराखण्डः सीज अपार्टमेंट के ताले से छेड़छाड़ करने का आरोप! कांग्रेस नेत्री आरूषि सुदरियाल ने एसएसपी को लिखा पत्र, पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

देहरादून। कांग्रेस नेत्री आरूषि सुंदरियाल ने एक मामले में सीज किए गए अपार्टमेंट के ताले को तोड़ने का आरोप लगाते हुए एसएसपी को पत्र सौंपा है। आरूषि सुंदरियाल ने बताया कि सोनिया आनंद रावत, ममता शर्मा और अज्ञात पर दर्ज हुए मुकदमे से संबंधित जांच के लिए अपराध स्थल खुलवाया जाना था, लेकिन दोनों पक्षों और पुलिस की मौजूदगी में जो ताला सीज करने के दौरान लगाया गया था, वह अब वहां नही है, जबकि उसकी जगह दूसरा ताला लगाया गया है। बताया कि घटनास्थल पर लगे इस नए ताले के इर्द-गिर्द ताला तोड़े जाने के निशान साफ नजर आ रहे हैं। बताया कि सीसीटीवी कैमरे में साफ नजर आने और चोरी, डकैती, मारपीट जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। उनका आरोप है कि डालनवाला थाने की पुलिस अभी तक केवल पार्किंग के सीसीटीवी कैमरे ही खंगाल रही है, जिसमें आरोपी आते और जाते हुए साफ नजर आ रहे हैं। परंतु अपार्टमेंट के अंदर लगे कैमरे जिनका वाई-फाई कनेक्शन आरोपियों ने अंदर घुसते ही काट दिया था, उन कैमरों को अभी तक पुलिस द्वारा जांच हेतु हिरासत में नहीं लिया गया। इन्हीं सीसीटीवी कैमरा के वाई-फाई से मोबाइल पर कनेक्ट होने के कारण ही मुझे अपार्टमेंट में हो रही डकैती का पता चला था और अगर वहां कैमरे ना होते तो इन रसूखदार लोगों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज न हो पाता। उन्होंने कहा कि अब पुलिस द्वारा लगवाए गए ताले के स्थान पर ताला टूटने के निशान और दूसरा ताला देख कर लग रहा है कि अपार्टमेंट में मौजूद सीसीटीवी कैमरे और उनकी रिकॉर्डिंग के साथ संभवता छेड़छाड़ की गई है। साथ ही अपार्टमेंट में मौजूद अन्य सबूत और दस्तावेजों के साथ भी छेड़छाड़ की गई हो। कहा कि डालनवाला थाना पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही अत्यंत असंतोषजनक है। इसलिए उन्होंने पुलिस महानिदेशक को प्रार्थना पत्र लिखते हुए संबंधित थाना बदलने का आग्रह किया था, जिसपर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। डालनवाला थाने द्वारा लगातार उनपर आरोपियों के साथ समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा न करने पर सभी साक्ष्य एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य मौजूद होने के बावजूद आरोपियों के पक्ष की फाइनल रिपोर्ट लगाने की धमकी दी जा रही है। कहा कि रसूखदार लोगों से जुड़े इस मामले में पुलिस की नाक के नीचे क्राइम साइट पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है और पुलिस तमाशबीन बनी हुई है।