उत्तराखण्ड: बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज! पिता की चिता को दी मुखाग्नि, दृश्य देख हर आंख हुई नम

पिथौरागढ़। उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ से सोमवार को एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने हर आंख नम कर दी। यहां बेरीनाग में एक बेटी ने समाज की रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ते हुए बेटा होने का फर्ज निभाया और अपने दिवंगत पिता की चिता को मुखाग्नि दी। जानकारी के मुताबिक बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर उडियारी गांव के 64 वर्षीय दरपान सिंह नैनीताल के खुटानी में एक होटल में काम करता था। दीपावली को लेकर वो रविवार को जीप से घर लौट रहे थे, तभी धौलछीना अल्मोड़ा के पास उसे अचानक हार्ट अटैक आ गया। आनन- फानन में स्थानीय लोगों ने उन्हें अल्मोड़ा बसे अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंचे परिजन दरपान सिंह का शव लेकर उडियारी गांव पहुंचे, जहां दीपावली की खुशियां मातम में बदल गई। दरपान के बेटे मनोज सिंह महरा सूरत गुजरात में प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, जिसका दो दिन में घर पहुंचना मुश्किल था। तब उनकी चिता को 12 वीं में पढ़ने वाली 17 वर्षीय बेटी गीता माहरा ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और चिता को मुखाग्नि देने का निर्णय लिया। सोमवार को गीता ने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और थल रामगंगा नदी तट पर चिता को भावुक होते हुए मुखाग्नि दी। इस दौरान अंतिम यात्रा में शामिल हुए सभी लोग भावुक हो गये।