उत्तराखण्डः बागेश्वर में खड़िया खनन से आई दरारों का मामला! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, सचिव खनन व अपर सचिव खनन को पेश होने के निर्देश

Uttarakhand: The High Court heard the case of cracks caused by chalk mining in Bageshwar. The Secretary of Mining and the Additional Secretary of Mining were directed to appear.

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले के कांडा तहसील सहित  जिले के कई अन्य गांवों में अवैध खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका के अलावा 165 खनन इकाइयों से सम्बन्धित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ती सुभाष उपध्याय की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 11 दिसम्बर की तिथि नियत की है। कोर्ट ने 11 दिसम्बर को सचिव खनन व अपर सचिव खनन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होने को कहा है। साथ में कोर्ट ने रजिस्ट्री विभाग से कहा है कि खडिया स्टोन क्रेशर मालिक नवीन परिहार के खिलाफ जो मुकदमे विचाराधीन हैं। उनको भी सुनवाई हेतु जनहित याचिका के साथ सूचिबद्ध करें। ताकि सभी मामलों की एक साथ सुनवाई हो सके। पूर्व में कोर्ट ने स्टॉक वेरिफिकेशन की 24 फरवरी की मूल रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन रिकार्ड उपलब्ध नही होने के कारण कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए। बता दें कि पूर्व में कांडा तहसील के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा था कि अवैध खड़िया खनन से उनकी खेतीबाड़ी, घर, पानी की लाइनें चौपट हो चुकी हैं। जो धन से सपन्न थे, उन्होंने अपना आशियाना हल्द्वानी व अन्य जगह पर बना दिया  है। अब गावों में निर्धन लोग ही बचे हुए हैं। उनके जो आय के साधन थे उनपर अब खड़िया खनन के लोगों की नजर टिकी हुई है। इस सम्बंध में कई बार उच्च अधिकारियों को प्रत्यावेदन भी दिए गए, लेकिन उनकी समस्या का कुछ हल नही निकला। इसलिए अब हम न्यायालय की शरण में आये हैं। उनकी समस्या का समाधान किया जाए।