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उत्तराखण्डः इको सेंसिटिव जोन में नदी किनारे होटल-रिसॉर्ट निर्माण का मामला! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, उत्तरकाशी के डीएम को पेश होने के आदेश

Uttarakhand: A case involving the construction of a hotel and resort on the riverbank in an eco-sensitive zone is being heard in the High Court, with the Uttarkashi District Magistrate ordered to app

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गोमुख से उत्तरकाशी तक भागीरथी ईको  सेंसटिव जोन में नदी के किनारे उच्च हिमालयी व्यू के आस-पास एनजीटी के आदर्शों के विपरीत जाकर अवैध होटल और रिसॉर्ट बनाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने पूर्व में रिपोर्ट पेश करने को कहा था, जिस रिपोर्ट से संतुष्ट न होने पर जिलाधिकारी उत्तरकाशी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। साथ ही पूछा गया कि एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया गया है या नहीं, इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि हर साल फ्लड आते हैं लेकिन नेचर लवर को लुभाने के लिए नदी के किनारे वह हिमालय व्यू को दिखाने के लिए ग्लेशियर के आसपास सरकार द्वारा कैंप होटल रिजॉर्ट बनाने की अनुमति बिना सर्वे के दी जा रही है। जिसके चलते जान माल का खासा नुकसान होता है। सरकार को चाहिए कि अनुमति देने से पहले क्षेत्र का वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करने के उपरांत ही निर्माण करने की अनुमति दी जाए, ताकि फ्लड आने की स्थिति जान और माल की हानि से बचा जा सके। वहीं सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार इस स्थान में अनुमति देती है जिस स्थान का सर्वे और प्रतिकूल पाया जाता है।जिसपर कोर्ट ने फिर से सरकार से एक पूर्ण सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बता दें कि हिमालयन नागरिक दृष्टी मंच ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि गंगोत्री से लेकर उत्तरकाशी तक नदी किनारे जमकर निर्माण हुआ है और हो रहा। जो मानकों के खिलाफ है जिससे उत्तरकाशी में बार-बार आपदा आ रही है। याचिका में इन इलाकों में निर्माण पर रोक लगाने के साथ अवैध कार्यो पर रोक लगाने की मांग की गई है।