ये हाल है राशन घोटाले का!अमीर और अधिकारियों को रत्तीभर शर्म नहीं,खा रहे हैं गरीबों का राशन!
 
 छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, जिसे आमतौर पर राशन योजना के नाम से जाना जाता है, में एक बड़ा घपला सामने आया है। जांच में पता चला है कि सरकारी नौकरी, आयकर दाता और बड़े किसानों जैसे 86 हजार से अधिक लोग, जो इस योजना के पात्र नहीं थे, फिर भी इसका लाभ उठा रहे थे।

प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाले नाम सामने आए हैं, जिनमें राइस मिल मालिक, रियल एस्टेट कारोबारी, इंजीनियर, सेना के जवान, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, बड़े व्यापारी और 20 एकड़ से अधिक जमीन वाले किसान शामिल हैं। जिला खाद्य अधिकारी बसंत कोर्राम ने स्थानीय मीडिया को बताया कि केंद्र सरकार की ओर से दी गई सूची के आधार पर जिले में 86,127 राशन कार्डों को संदिग्ध माना गया है। इनमें 123 लोग डायरेक्टर स्तर के सरकारी पदों पर हैं, 1,569 लोग 6 से 25 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले हैं, और 58,244 किसानों के पास 5 एकड़ से अधिक जमीन है। ये सभी लोग गलत तरीके से राशन योजना का लाभ ले रहे थे।
धमतरी जिले में कुल 493 राशन दुकानें हैं, जिनमें 61 शहरी और 432 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। अब तक लगभग 2,500 राशन कार्डों की जांच पूरी हो चुकी है, जिनमें से 1,300 कार्ड रद्द किए गए हैं। इनमें कई सरकारी कर्मचारी, आयकर दाता, बड़े व्यापारी और बड़े किसान शामिल हैं।
केंद्र सरकार के 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के तहत सभी राशन कार्डों को आधार नंबर से जोड़ना अनिवार्य है। साथ ही, पैन कार्ड से लिंक होने के कारण आयकर दाताओं की जानकारी आसानी से मिल रही है। सॉफ्टवेयर के माध्यम से ई-केवाईसी और आधार सत्यापन के जरिए फर्जी लाभ लेने वाले राशन कार्ड स्वतः पकड़े जा रहे हैं, जिन्हें नियमों के अनुसार रद्द किया जा रहा है।
अधिकारियों ने सख्त चेतावनी दी है कि जांच पूरी होने के बाद गलत तरीके से लाभ लेने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे और उनसे वसूली भी की जा सकती है। जिले में कुल 2,58,990 राशन कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें 52,949 अंत्योदय, 524 निराश्रित, 1,80,133 प्राथमिकता वाले, 462 निशक्तजन और 24,922 एपीएल कार्ड शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ खाद्य विभाग की इस सख्त कार्रवाई से साफ है कि अब कोई भी सरकारी अधिकारी, व्यापारी या बड़ा किसान इस योजना का दुरुपयोग नहीं कर पाएगा। यह कदम न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि वास्तविक जरूरतमंदों तक योजना का लाभ सुनिश्चित करेगा।
 
  
   
  
  
  
  
  
  
  
  
  
  
  
  
  
 