बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या पर जान्हवी कपूर का बयान! बोलीं यह नरसंहार है, इंसानियत खतरे में है! कट्टरपंथ और चरमपंथ पर उठाए सवाल

Janhvi Kapoor's statement on the murder of a Hindu youth in Bangladesh! She said it's a massacre, and humanity is in danger! She raised questions about extremism.

बांग्लादेश में 18 दिसंबर की रात हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या को लेकर देश-विदेश में आक्रोश देखा जा रहा है। इस जघन्य घटना पर अब बॉलीवुड अभिनेत्री जान्हवी कपूर ने भी प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी के ज़रिए इस हत्या को ‘नरसंहार’ करार देते हुए कड़ी निंदा की। जान्हवी कपूर ने इंस्टाग्राम स्टोरी में दीपू चंद्र दास के नाम के साथ एक नोट साझा करते हुए लिखा, “बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह बर्बर है। यह नरसंहार है और यह कोई अकेली घटना नहीं है। अगर आप इस अमानवीय सार्वजनिक लिंचिंग से अनजान हैं, तो इसके बारे में पढ़िए, वीडियो देखिए, सवाल पूछिए। और अगर यह सब देखने के बाद भी आपको गुस्सा नहीं आता, तो यही पाखंड हमें तबाह कर देगा।”

अभिनेत्री ने आगे लिखा, “हम दुनिया के दूसरे छोर पर होने वाली घटनाओं पर शोक जताते रहेंगे, जबकि हमारे अपने भाई-बहनों को जिंदा जला दिया जाएगा। किसी भी रूप में चरमपंथ की निंदा की जानी चाहिए और उसे समाप्त किया जाना चाहिए, इससे पहले कि हम अपनी इंसानियत ही भूल जाएं।” जान्हवी कपूर की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। बड़ी संख्या में यूज़र्स ने इस संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बोलने के उनके फैसले की सराहना की है।

कई सितारों ने उठाई आवाज

यह पहला मौका नहीं है जब किसी सेलेब्रिटी ने बांग्लादेश में हुई इस घटना पर प्रतिक्रिया दी हो। इससे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री दीया मिर्जा, जया प्रदा, रवीना टंडन, कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और टीवी अभिनेत्री फलक नाज़ समेत कई कलाकार इस घटना की निंदा कर चुके हैं।

क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में हिंदू मजदूर दीपू चंद्र दास की एक उन्मादी और कट्टरपंथी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। आरोप है कि दीपू के साथ काम करने वाले एक व्यक्ति ने निजी रंजिश के चलते उस पर पैगंबर के अपमान का झूठा आरोप लगाया। इसके बाद भड़की भीड़ ने उस पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि दीपू की मौत के बाद भी हिंसक भीड़ ने उसके शव के साथ अमानवीय व्यवहार किया, जिससे यह घटना और भी भयावह बन गई। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक हिंसा, चरमपंथ और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।