उत्तराखंड वन विभाग को मिले 43 महिला फॉरेस्ट गार्ड, संभालेंगी वन और वन्यजीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी

The Uttarakhand Forest Department has received 43 female forest guards who will be responsible for protecting forests and wildlife.

विकासनगर। चकराता वन प्रभाग के वानिकी प्रशिक्षण केंद्र रामपुर मंडी में 43 महिला वन आरक्षी पास आउट हुई हैं। जो विभिन्न वन प्रभाग से 6 महीने का प्रशिक्षण हासिल कर वन विभाग की मुख्यधारा में शामिल हो गई हैं। दरअसल, उत्तराखंड वन विभाग में 43 महिला फॉरेस्ट गार्ड ट्रेनिंग लेने के बाद वन विभाग की मुख्यधारा में शामिल हो गई हैं। वानिकी प्रशिक्षण केंद्र रामपुर मंडी (वन प्रभाग चकराता) में महिला फॉरेस्ट गार्ड के इस बैच ने 6 महीने की कड़ी ट्रेनिंग पूरी की। जिसके बाद पासिंग आउट परेड में शामिल हुईं। इस प्रशिक्षण केंद्र से अब तक 110 बैच ट्रेनिंग लेकर वन विभाग की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। 

पासिंग आउट परेड के दौरान मुख्य अतिथि के रूप पर डीएफओ चकराता वैभव कुमार मौजूद रहे। पासिंग आउट परेड के दौरान एसडीओ त्यूनी विभु समेत वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए। ट्रेनिंग ले चुकी यह महिला फॉरेस्ट गार्ड अपने-अपने क्षेत्र में जाकर जंगलों की सुरक्षा और मानव वन्यजीव संघर्ष, वन सुरक्षा, आम जन मानस के बीच अपना योगदान देती नजर आएंगी। चकराता डीएफओ वैभव कुमार ने सभी प्रशिक्षण हासिल कर चुकी वन आरक्षी बनीं महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन, समाज और वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के बीच वन विभाग के कर्मचारियों को बड़ी चुनौतियां का सामना करना पडता है। विषम परिस्थितियों में भी वन विभाग के कर्मचारी अपनी ड्यूटी में चौबीस घंटे जंगलों में रहते हैं। जो अपने आप में साहसिक और जिम्मेदारी वाला काम है। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं महिला वन आरक्षी ने बताया कि उन्हें फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में सेवा करने का मौका मिल रहा है, जो उनके और परिवार के गर्व की बात है। उनका कहना था कि वन्यजीव अमुक प्राणी है, जो बोल नहीं पाते। वो अपनी परेशानियां बता नहीं पाते हैं।  ऐसे में उनकी सेवा करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान वन्यजीवों का कैसे रेस्क्यू किया जाता है? कैसे वन्य जीवों और उनके वास स्थल बारे में जानकारी जुटाई जाती है? ये सब चीजों के बारे में बताया गया। ट्रेनिंग के दौरान जो सिखाया गया, उसे अपने फील्ड में सर्विस के दौरान अमल में लाएंगे. उन्होंने वानिकी प्रशिक्षण केंद्र रामपुर मंडी की तारीफ भी की। महिला वन आरक्षियों का कहना था कि फॉरेस्ट लॉ के बारे में जानकारी ली है। प्लांटेशन कैसे किया जाता है? कौन सी प्रजातियां कहां लगती है? कैसे-कैसे प्रजातियों को संरक्षण दिया जा सकता है। क्योंकि,जलवायु परिवर्तन के कारण बहुत सारे पेड़ पौधे लुफ्त हो रहे हैं। ऐसे में उन प्रजातियों का संरक्षण कैसे कर सकते हैं,ये सब चीजों के बारे में बताया गया है।