नैनीताल जिला पंचायत चुनाव के दौरान अपहरण और ओवरराइटिंग मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से मांगा समय!हाईकोर्ट ने क्या कुछ कहा लिंक में पढ़ें
नैनीताल.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में हुए बवाल, पांच सदस्यों के कथित अपहरण और एक मतपत्र में ओवरराइटिंग की शिकायत से जुड़े मामले में सुनवाई की। यह पूरा मामला 14 अगस्त 2025 के चुनाव से जुड़ा है, जिस पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।
आज मुख्य न्यायाधीश नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रकरण की जांच जारी है और विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए उन्हें एक सप्ताह का समय चाहिए।
राज्य के महाधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया कि यह एक आपराधिक प्रकृति का मामला है, इसलिए जनहित याचिका इस पर लागू नहीं होती। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के कई निर्णयों का हवाला भी दिया। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार को एक सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई 17 दिसंबर की तिथि तय कर दी है।
इसी मामले से जुड़े एक अन्य पहलू को लेकर बीडीसी सदस्य पूनम बिष्ट ने भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में एक मतपत्र पर ओवरराइटिंग करते हुए क्रमांक 1 को 2 कर दिया गया और उसे अमान्य घोषित कर दिया गया। याचिका में अध्यक्ष पद के लिए पुनः मतदान कराए जाने की मांग की गई है।