सुशांत सिंह राजपूत डेथ केसः सीबीआई की रिपोर्ट! एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट और जी के फाउंडर ने मांगी लिखित माफी, जानें क्या होती है क्लोजर रिपोर्ट?

नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड मामले में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट मिल गई है। ऐसे में उनके चाहने वालों ने अपनी आवाज उठाते हुए रिया को इस केस में बेवजह फंसाने वालों से माफी की मांग की। बता दें कि क्लीन चिट में कहा गया है कि सुशांत को हत्या के लिए उकसाने जैसे कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसके बाद जी न्यूज के फाउंडर सुभाष चंद्र ने रिया चक्रवर्ती से लिखित माफी मांगी है। जी के फाउंडर सुभाष चंद्र ने ऑफिशियल ‘एक्स’ प्लेटफॉर्म पर लिखा कि ‘‘सुशांत सिंह राजपूत के मर्डर केस में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल की है। मुझे लगता है ये सबूतों की कमी के आधार पर है। अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं है, जिसका अर्थ है कि कोई केस नहीं बनता है। पीछे पलटकर देखने पर लगता है कि जी न्यूज के एडिटर्स और रिपोर्टर्स (उस समय के) के नेतृत्व में मीडिया ने रिया चक्रवर्ती को आरोपी बनाया है लोगों ने भी जी न्यूज को फॉलो किया। जी न्यूज का मेंटॉर होने के नाते मैंने उन्हें सलाह दी है कि साहस जुटाएं और माफी मांगे। मैं रिया चक्रवर्ती से माफी मांगता हूं, जबकि मेरा इससे कोई लेना देना नहीं था। मैं एक मुख रुद्राक्ष की तरह हूं, बाहर और अंदर एक समान। सच को सच कहो। बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के निधन के करीब डेढ़ महीने बाद 25 जुलाई 2020 को उनके पिता केके सिंह ने पटना में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में उन्होंने रिया चक्रवर्ती पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए थे। शिकायत के अनुसार सुशांत ने मौत से कुछ समय पहले ही अपनी बहन को कॉल पर बताया था कि रिया उनकी मेडिकल रिपोर्ट पब्लिक कर उन्हें पागल प्रूव करने की धमकियां देती हैं। सुशांत ने बहन से कहा था कि उन्हें डर है कि रिया उन्हें पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की डेथ के केस में फंसा देंगी। शिकायत में ये भी दावा किया गया कि सुशांत की मौत से एक दिन पहले रिया उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स लेकर चली गई थीं।
27 दिनों तक हिरासत में रही थीं रिया चक्रवर्ती
इस मामले की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग और एक्टर्स के ड्रग लेने की जानकारी भी मिली थी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7 अगस्त 2020 को इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक से पूछताछ की थी। वहीं ड्रग केस के मामले में 8 सितंबर को रिया और उनके भाई को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी का आधार रिया और शौविक की चैट थीए जिसमें उन्होंने ड्रग खरीदने और सप्लाई करने का जिक्र किया था। करीब 27 दिनों तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद रिया चक्रवर्ती को 7 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट से बेल मिल गई थी। वहीं शौविक को ड्रग केस में 3 महीनों तक जेल में रहना पड़ा था।
CBI की क्लोजर रिपोर्ट का क्या मतलब है?
क्लोजर रिपोर्ट तब दायर की जाती है जब जांच एजेंसी को कोई ठोस सबूत नहीं मिलते। लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि मामला पूरी तरह बंद हो गया है। अदालत के पास आखिरी फैसला लेने का अधिकार होता है। अगर अदालत को जांच अधूरी लगती है, तो वह अतिरिक्त जांच के आदेश दे सकती है। शिकायतकर्ता के पास प्रोटेस्ट पिटीशन दायर करने का विकल्प होता है, जिससे जांच दोबारा शुरू हो सकती है। अगर अदालत क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर लेती है, तो केस खत्म माना जाएगा।