छात्र एंजेल चकमा की हत्या को करन माहरा ने बताया नफरत की राजनीति का परिणाम,बीजेपी को ठहराया दोषी

Student Angel Chakma's murder was described by Karan Mahara as a result of hate politics, and he blamed the BJP for it.

देहरादून। त्रिपुरा से देहरादून स्थित एक निजी संस्थान में पढ़ने आए छात्र एंजेल चकमा की हत्या की सारे देश में निंदा हो रही है। एमबीए के छात्र 24 वर्षीय एंजेल चकमा पर देहरादून में 9 दिसंबर की रात नशेड़ी युवकों ने हमला कर दिया था। 17 दिन तक आईसीयू में जिंदगी के लिए मौत से लड़ते-लड़ते इस युवा की मौत हो गई। एंजेल चकमा की मौत पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सीडब्ल्यूसी सदस्य करन माहरा ने सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। 

त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या से करन माहरा दुखी: माहरा ने दिवंगत एंजेल की मौत पर कहा कि देहरादून जनपद में एक निजी संस्थान में एमबीए फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे एक छात्र की हिंसा के दौरान मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की नस्लीय हिंसा उत्तराखंड जैसे राज्य में बढ़ रही है।  यह उदाहरण इस बात का है कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में नफरत की राजनीति ऐसे हालात पैदा कर चुकी है कि अब लोग एक-दूसरे की हत्या करने पर उतारू होते जा रहे हैं।  करन माहरा ने कहा कि जिस उत्तराखंड राज्य को देवभूमि, भाईचारे, प्रेम, आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पहचाना जाता है, अब यहां का माहौल दूषित होने लग गया है। लोग डर के माहौल के साथ अब घृणा करने लगे हैं। लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त होते जा रहे हैं।  इस समय उत्तराखंड अपने आप को खराब उदाहरण के तौर पर पेश कर रहा है। विगत कुछ वर्षों में महिला अपराधों में उत्तराखंड हिमालयी राज्यों में पहले पायदान पर पहुंच गया है। उत्तराखंड में अपहरण, पेपर लीक मामले, अवैध खनन, भर्ती घोटाले इस राज्य की पहचान बन चुके हैं। इस राज्य में किसान औए बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। युवा लगातार बेरोजगार होते जा रहे हैं। इन सब कामों में भाजपा के नेताओं की भूमिका निरंतर सामने नजर आ रही है। 

करन माहरा ने दोहराए एंजेल चकमा के अंतिम शब्द: करन माहरा ने कहा कि उन्हें इस बात का बड़ा अफसोस हुआ है कि त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा जब मृत्यु शैया पर थे, तब उन्होंने 'वी आर नॉट चाइनीज...वी आर इंडियन...ह्वट सर्टिफिकेट डू वी नीड टू शो टू प्रूव दिस?' ('We are not Chinese... we are Indian. What certificate do we need to show to prove this?') जैसे वाक्य बोले. ये वाक्य जो व्यक्ति मरने जा रहा है, उसकी पीड़ा को दर्शाते हैं। उस युवक का यह बयान इस पीड़ा को दर्शाता है कि उसको अपने आप को भारतीय बताने की नौबत आ गई है। करन माहरा ने कहा कि त्रिपुरा हमारे देश का अभिन्न अंग रहा है। वहां का एक बच्चा इस देवभूमि में नाहक मार दिया जाता है। इससे अफसोसजनक बात और कुछ नहीं हो सकती है। जिस देवभूमि को पढ़े लिखे लोगों का राज्य कहा जाता था, जहां नानकमत्ता, रीठा महादेव, हेमकुंड साहिब, कलियर शरीफ और चारों धाम विद्यमान हों, उसके बाद भी अगर लोगों के मन में इतना विषाक्त जहर भर गया है, तो यह बहुत चिंता का विषय बनता है। 

एंजेल चकमा मर्डर केस में अभी तक क्या-क्या हुआ
9 दिसंबर की रात त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा पर हमला हुआ
एंजेल चकमा को देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया
17 दिन तक एंजेल चकमा जिंदगी के लिए मौत से लड़ते रहे
26 दिसंबर को एंजेल चकमा मौत से जिंदगी के लिए जंग हार गए
एंजेल चकमा की मौत के बाद इस हत्याकांड का खुलासा हुआ
एंजेल चकमा की हत्या मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं
एक फरार आरोपी के नेपाल में होने की आशंका है
फरार आरोपी की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया गया है
27 दिसंबर को एंजेल चकमा का त्रिपुरा में अंतिम संस्कार किया गया
29 दिसंबर को उत्तराखंड के सीएम धामी ने एंजेल चकमा के पिता से फोन पर बात की
उत्तराखंड सरकार ने एंजेल चकमा के परिवार को 4 लाख की सहायता राशि का चेक भेजा