Stand-up Comedy:अश्लीलता,फूहड़ता,गाली गलौज,माता पिता पर भद्दे कमेंट्स,पोर्नोग्राफी को बढ़ावा!क्या यही है कॉमेडी का मतलब?ऐसी भद्दी कॉमेडी पर कब चलेगी कैंची?

Stand-up Comedy: Obscenity, profanity, abusive language, lewd comments on parents, promotion of pornography! Is this the meaning of comedy? When will scissors work on such lewd comedy?

"वो मेरे साथ पॉर्न देखना चाहती है"।

"मेरी माँ की चॉइस घटिया है"।

"मेरे बाप को लाइट बंद करने की आदत है,सेक्स कर लो,लव मेकिंग कुछ नही होता "

"औरतों की हंसी पसन्द नही"

ये तो कुछ नही इससे भी घटिया अश्लील और फुहड़ शब्दो का इस्तेमाल आजतक की स्टैंडअप कॉमेडी में हो रहा है। हैरानी इस बात की है कि इन स्टैंडअप कॉमेडी पर कोई कैंची भी नही चलती है क्योंकि ये फ़िल्म तो होती नही, बल्कि बड़े बड़े होटल्स और स्टेज पर परफॉर्म की जाती है। आज स्टैंडअप कॉमेडी के नाम जिस तरह का कचरा समाज मे बिखेरा जा रहा है उससे भारतीय समाज पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।   

स्टैंडअप कॉमेडी 18वी शताब्दी में ही शुरू हो गयी थी,जिसे विश्व की सबसे कठिन कला माना गया था,लेकिन आज स्टैंडअप कॉमेडी का ही चीर हरण नही बल्कि हर रिश्ते का भी चीर हरण इसके माध्यम से किया जा रहा है। चुटकुलों, व्यंग और कटाक्ष के नाम स्टेज पर कुछ भी परोसा जा रहा है। हद तो तब होने लगी जब स्टैंडअप कॉमेडी करते हुए पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दिया जाने लगा। माता पिता पर भद्दी अश्लील कॉमेडी कर न जाने क्या दिखाने की कोशिश की जा रही है। सार्वजनिक मंचो से धर्म,आस्था पैरेंट्स,बीवियों, रिश्तों,टीचर्स समाज के हर वर्ग को ट्रोल किया जा रहा है और भारत सरकार इस गंभीर विषय पर चुप्पी साधे हुए है। 

 

एक स्टैंडअप कॉमेडी की वीडियो में एक लड़की खुद को इतना एडवांस दिखाती है कि वो भूल जाती है कि जिन पैरेंट्स पर वो भद्दे कमेंट्स करके तालियां बटोर रही है उन्हीं की वजह से वो पढ़ लिख कर उस स्टेज तक पहुंची है। लड़की कहती है "मैं अपनी मर्जी से शादी कभी नही करूंगी,क्योंकि मैं अपने पापा को रोज देखती हूँ क्या घटिया च्वाइस है मेरी मम्मी की,बहुत ही वाहियात, उनके कानों पर बाल वाल ओहो बहुत ज़्यादा गंदगी।" अब सोचिए ये वीडियो लड़की के पिता ने देखी होगी तो क्या बीती होगी उस पर। बेटी के इतने भद्दे कमेंट पर खुशी तो हुई नही होगी गर्व तो हुआ नही होगा,लेकिन शर्म ज़रूर आयी होगी।और न भी आई हो तो सोचिए इस वीडियो को तमाम पैरेंट्स अगर देखे तो क्या कहेंगे।


यूँ सार्वजनिक मंचो से माता पिता पर जोक क्रैक करना आज कल युवा स्मार्टनेस समझते है। स्टैंडअप कॉमेडी के नाम पर एक युवक कहता है मेरे पिता को लाइट बंद करने की आदत है, सेक्स करो लव मेकिंग कुछ नही होती।"


स्टैंडअप कॉमेडी के नाम पर एक लड़का पॉर्न फ़िल्म का ज़िक्र करता है कि कैसे उसकी गर्लफ्रैंड ने पॉर्न फ़िल्म देखते हुए उसे रंगे हाथों पकड़ा। और इस वीडियो में लड़का अश्लीलता की तमाम हदें पार कर देता है। ये कॉमेडियन कम और पॉर्न स्टार ज़्यादा प्रतीत हो रहा है। 

कहते है लाफिंग इज द बेस्ट मेडिसीन! इसके लिए बाकायदा लाफिंग क्लासेज भी चलती है जहां लोगो को योगा के ज़रिए हंसने की क्लास दी जाती है। कई कॉमेडी वास्तव में हंसी मजाक के लिए बेहतरीन विकल्प रही है,लेकिन आज लाफिंग का जरिया अश्लीलता फूहड़ता और बदतमीजी होती जा रही है,जितने ज्यादा निम्न कोटि के गाली गलौज भरे शब्दो का प्रयोग किया जाता है उतना ही शो हिट होता है। ये कॉमेडी सिर्फ युवा ही नही देख रहे बल्कि आजतक डिजिटल युग मे बच्चे भी फोन के ज़रिए जब यूट्यूब देखते है तब ऐसी भद्दी कॉमेडी स्क्रॉल में दिखाई दे जाती है। 


स्टैंडअप कॉमेडी में कॉमेडी कम और बदतमीजी ज़्यादा होती है। गालियों के बिना कॉमेडी शुरू नही होती। निचले स्तर की कॉमेडी पर जो कुर्सियों में वैठकर तालिया बजाते है वो दर्शक नही होते बल्कि वो भी स्टैंडअप कॉमेडियन होते है और उनकी भी कॉमेडी उसी तरह की होती है इसीलिए तालियों और हंसी की अवाज़े सुनाई देती है। इन कॉमेडी पर जो लोग कमेंट्स करते है दरअसल असली दर्शक वही होते है,और ये दर्शक भी इनके खिलाफ आवाज़ उठाते है। कमेंट्स में लिखते है कि ये सब बंद होना चाहिए। ऐसी कॉमेडी का विरोध करते है।


जो हस्यकला के रूप में स्टैण्डप कॉमेडी आज हम सब देख रहे है दरअसल वो धीमा जहर है जो हमारे समाज मे घुलता जा रहा है।  ऐसा ही एक जहर जब हॉलीवुड एक्टर की बीवी के लिए उगला गया था तो उन्होंने भरे मंच पर जाकर एंकर को थप्पड़ जड़ दिया था। आपको अगर याद हो तो 94वें ऑस्कर अवार्ड समारोह में एक थप्पड़ की गूंज ने इतिहास रच दिया था,उस गूंज के शोर ने डॉल्बी थिएटर के हॉल के साथ-साथ पूरी दुनिया में ऐसा शोर मचाया कि  हर किसी की ज़ुबान पर उस थप्पड़ की चर्चा सोशल मीडिया में आजतक हो रही है। दरअसल लोग तब भौंचक्के रह गए जब सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब जीतने वाले ‘विल स्मिथ’ अपनी पत्नी जेडा पिंकेट को लेकर किए गए मजाक पर गुस्सा हो गए और स्टेज पर ही कॉमेडियन क्रिस रॉक को थप्पड़ जड़ दिया।इस घटना ने कॉमेडी को लेकर फिर से बहस छेड़ दी थी। माना जाए तो कॉमेडी की भी एक सीमा होनी चाहिए, कॉमेडी का मतलब फूहड़पन,अश्लीलता या बॉडी शेमिंग नहीं होना चाहिए।

 

भारत मे ये करने की हिम्मत है किसी मे? शायद नहीं! स्टेज पर और तमाम सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर जिस तरह कॉमेडी के नाम पर माता पिता,रिश्तों अपमान हो रहा है अगर जल्द ही वो बंद न हुआ तो युवाओं के साथ साथ जो नई पीढ़ी युवा हो रही है वो आधुनिकता की इस दौड़ में हिस्सा लेकर भारतीय संस्कृति को कहीं खत्म न कर दे। इसीलिए अगर एंटरटेनमेंट करना ही है तो बिना अपशब्द, बिना अश्लीलता बिना फूहड़ता के हो,और ऐसी अश्लीलता भरे कॉमेडी शो पर बैन लगे जो कि भारतीयों की मांग है।