खेल जगतः चेतेश्वर पुजारा ने रिटायरमेंट पर किया खुलासा! एक तस्वीर देखकर पिता ने तय किया था करियर, 7 साल की उम्र से शुरू की ट्रेनिंग
नई दिल्ली। टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम की जान रहे दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने संन्यास का ऐलान कर दिया। पुजारा ने सिर्फ टेस्ट ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट से पूरी तरह रिटायरमेंट का ऐलान किया। यानि उन्होंने इंटरनेशनल के साथ ही घरेलू क्रिकेट छोड़ने का भी फैसला कर लिया। पिछले 2 साल से टीम इंडिया से बाहर चल रहे पुजारा की वापसी की उम्मीदें तो नहीं थी लेकिन खुद वो इस दौरान संन्यास के बारे में नहीं सोच रहे थे। मगर अब पुजारा ने खुलासा किया है कि सिर्फ एक हफ्ते पहले ही उनके दिमाग में संन्यास का ख्याल आया और उन्होंने फैसले पर पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया। पुजारा ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच जून 2023 (टेस्ट) में खेला था। उनका इंटरनेशनल करियर 15 साल का रहा। चेतेश्वर के पिता अरविंद पुजारा खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे। उनका सपना था कि वो इंडियन क्रिकेट टीम में खेले। हालांकि वो सपना पूर नहीं हुआ। फिर उन्होंने चेतेश्वर के जरिए अपना ड्रीम पूरा किया। चेतेश्वर के पिता अरविंद पुजारा और चाचा बिपिन पुजारा दोनों सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी थे। इनके अलावा, इनके दादा शिवलाल पुजारा भी उस दौर में क्रिकेट खेलते थे, जब रणजी ट्रॉफी इंडिया में स्टार्ट भी नहीं हुआ था। 4 से 5 साल की उम्र में राजकोट के रेसकोर्स ग्राउंड में पुजारा अपने मामा के साथ क्रिकेट खेल रहे थे।
मामा बॉलिंग कर रहे थे और चेतेश्वर बैटिंग। इस दौरान उनके मामा के एक फोटोग्राफर मित्र ने एक तस्वीर खींची। एक हफ्ते बाद उस तस्वीर को पुजारा के पिता जी को दिखाई गई। इसमें प्लास्टिक का बैट लिए पुजारा की निगाहें सटीक बॉल पर टिकी थी। पिता को लगा इतनी कम उम्र में जिस तरीके से चेतेश्वर बॉल पर नजर टिका कर बैटिंग कर रहे हैं इसका मतलब है कि इनके भीतर क्रिकेटिंग को लेकर इनबिल्ट टैलेंट है। एक इंटरव्यू में चेतेश्वर बताते हैं कि पिता ने 7 से 8 साल की उम्र में उनकी प्रोफेशनली क्रिकेट बॉल से खेलने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। 4 साल हार्ड ट्रेनिंग के बाद उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे उनके मित्र कर्षण घावरी (बॉलर) से मिलाया। कर्षण घावरी को प्यार से सभी कड़ू भाई कहकर बुलाते थे। पुजारा ने 12 साल की उम्र में 7वीं कंप्लीट करने के बाद स्कूल चेंज किया। इसके साथ ही उन्हें पहली अपॉर्चुनिटी मिली। पुजारा को अंडर 14 में सौराष्ट्र को रिप्रेजेंट करने का मौका मिला। उस दौरान अंडर 14 के 3 दिनों के मैच होते थे। पुजारा ने अपने पहले मैच में 300 रन बनाकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। नेशनल रिकॉर्ड के बाद से ही चेतेश्वर को नए नए मुकाम मिलना शुरू हो गए। इसी साल अंडर 16 में सौराष्ट्र टीम में मौका मिला। फिर अगले ही साल अंडर 19 में सिलेक्ट हो गए।