बदहाली का आलमः जब आधी रात को अस्पताल पहुंचे डीएम साहब! खुले कमरे और बेतरतीब फैले बायो मेडिकल वेस्ट ने खोली पोल, ड्यूटी पर तैनात नहीं मिला कोई भी कर्मचारी

पौड़ी। यूं तो उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है, बावजूद इसके बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे किए जाते हैं। हांलाकि समय-समय घटने वाली घटनाएं और प्रशासनिक अधिकारियों की छापेमारी से तमाम दावों की पोल खुलती रहती है। कुछ ऐसा ही पौड़ी जिले में देखने को मिला है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण का डीएम आशीष चौहान आधी रात को औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में अव्यवस्थाओं की पोल खुली। अस्पताल में ड्यूटी पर कोई कर्मचारी तैनात नहीं था। बायो मेडिकल वेस्ट बेतरतीब फैला हुआ था और कमरे खुले हुए थे। अस्पताल के हालात देखने के बाद डीएम चौहान ने सीएमओ को आज बुधवार को तलब किया है। बता दें कि पौड़ी जिले के सीमावर्ती विकासखंड थलीसैंण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। इस अस्पताल पर क्षेत्र के दो दर्जन गांव निर्भर हैं। अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने के लिए डीएम आशीष चौहान ने 30 सितंबर देर रात सीएचसी थलीसैंण का औचक किया, जहां चिकित्सा व्यवस्था के प्रति भारी उदासीनता सामने आई।
डीएम आशीष चौहान ने बताया कि निरीक्षण के दौरान थलीसैंण सीएचसी के सभी वार्ड और चिकित्साधिकारी कक्ष बंद पाए गए। वार्ड में उपयोग में लाए गए इंजेक्शन के साथ ही बायो मेडिकल वेस्ट कूड़ेदान में बेतरतीब ढंग से फेंका हुआ था। अस्पताल में ओपीडी रजिस्टर और उपकरण खुले छोड़े हुए थे। 108 सेवा वाहन अस्पताल गेट के पास खड़ा था, लेकिन कोई भी कर्मचारी व वाहन चालक मौके पर मौजूद नहीं था। डीएम ने कहा कि रात्रिकाल में किसी गंभीर रूप से बीमार मरीज का उपचार करने को किसी भी चिकित्सा कर्मी का उपस्थित न होना बहुत ही बड़ी लापरवाही है। अस्पताल में कोई सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं था। अस्पताल में महत्वपूर्ण उपकरण, दवाइयां, दस्तावेज, सार्वजनिक व विभागीय परिसंपत्ति को लावारिस छोड़ा गया था। जिसके चोरी होने या क्षति पहुंचाए जाने की पूरी आशंका है। डीएम आशीष चौहान ने कहा कि निरीक्षण में मिली लापरवाही पर सीएमओ पौड़ी को आज बुधवार 2 अक्टूबर को तलब किया गया है।