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रुद्रपुरः कांग्रेस की बैठक में बवाल! खुलकर दिखी गुटबाजी, मारपीट तक पहुंची नौबत! चोटिल कार्यकर्ता हायर सेंटर रेफर

Rudrapur: Chaos in Congress meeting! Factionalism visible, situation reached till fighting! Injured worker referred to higher centre

रुद्रपुर। उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी की आंतरिक गुटबाजी एक बार फिर सुर्खियों में है। जहां एक ओर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के शीर्ष नेता पार्टी को नई मजबूती देने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ धरातल पर सक्रिय हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में आपसी रार और गुटबाजी पार्टी को प्रदेश में कमजोर करने में लगी है। ताजा मामला जनपद ऊधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर से सामने आया है। यहां पार्टी की नई कार्यकारिणी गठन और संगठनात्मक विस्तार को लेकर आयोजित बैठक में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई। बैठक के दौरान नगर अध्यक्ष के चयन को लेकर कार्यकर्ताओं के दो गुट आपस में भिड़ गए। इस घटना ने पार्टी की एकता पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि आज गुरूवार को रुद्रपुर में कांग्रेस पार्टी की नई कार्यकारिणी के गठन और संगठनात्मक विस्तार को लेकर सिटी क्लब में एक बैठक आयोजित की गयी थी, लेकिन बैठक में उस समय हंगामा हो गया, जब पार्टी के दो गुट आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते बात इतनी बिगड़ गयी कि नौबत मारपीट तक पहुंच गयी। इस दौरान दोनों गुटों के लोगों ने एक-दूसरे के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी किया। इससे बैठक के दौरान अफरा-तफरी मच गयी। मारपीट में एक कार्यकर्ता चोटिल हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है। वहीं घटना के बाद किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ ने नाराजगी जाहिर की और अराजकता फैलाने वालों पर सख्त कार्यवाही की मांग। 

तो पोस्टर पर तस्वीर को लेकर हुआ विवाद?
रुद्रपुर में आयोजित बैठक का उद्देश्य लंबे समय बाद कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना और नई कार्यकारिणी के गठन के लिए कार्यकर्ताओं की राय लेना था। लेकिन यह बैठक शुरू से ही विवादों में घिर गई। खबरों की मानें तो बैठक स्थल पर लगे पोस्टरों में तराई के बड़े नेता पूर्व मंत्री और वर्तमान में किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ की तस्वीर नदारद थी, जिसे लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई। यह मुद्दा जल्द ही चर्चा का विषय बन गया और कार्यकर्ताओं के बीच तनाव पैदा हो गया। वर्तमान जिला, नगर अध्यक्ष और तिलक राज बेहड़, संजय जुनेजा के समर्थक गुटों के बीच पहले से ही तनातनी की खबरें थीं और यह बैठक इस तनाव को और बढ़ाने का कारण बन गई। बैठक के अंत में स्थिति तब और बिगड़ गई, जब वर्तमान जिला, नगर अध्यक्ष के समर्थकों और तिलक राज बेहड़ व संजय जुनेजा के गुटों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों गुटों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ देर तक जमकर लात और मुक्के चले। इस हंगामे ने न केवल बैठक को बाधित किया, बल्कि कांग्रेस की एकता पर भी सवाल खड़े कर दिए।

मारपीट में कार्यकर्ता चोटिल, हायर सेंटर रेफर
हंगामे के बीच एक और गंभीर घटना सामने आई। एक वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता पर हमला किया गया और उसके अपहरण की कोशिश की गई। इस हमले में कार्यकर्ता को गंभीर चोटें आईं और तनाव के बीच उन्हें बेचैनी होने लगी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। बताया जा रहा है कि पहले उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अन्य अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस घटना ने न केवल स्थानीय कार्यकर्ताओं, बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी सकते में डाल दिया है। एक तरफ जहां पार्टी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है, वहीं इस तरह की घटनाएं उसकी एकजुटता और संगठनात्मक ताकत पर सवाल उठा रही हैं। स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि नेतृत्व को इस गुटबाजी को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ नेता अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं को संगठन के हितों से ऊपर रख रहे हैं, जिसके कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।

कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा रही गुटबाजी
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब कांग्रेस उत्तराखंड में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय और प्रादेशिक नेताओं को अब इस मामले में हस्तक्षेप करना होगा, ताकि संगठन में अनुशासन बहाल किया जा सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। गुटबाजी और आपसी मतभेदों के कारण न केवल पार्टी की छवि प्रभावित हुई है, बल्कि कार्यकर्ताओं का मनोबल भी कमजोर हुआ है। अगर कांग्रेस को आगामी चुनावों में मजबूती के साथ उतरना है, तो उसे इन आंतरिक विवादों को जल्द से जल्द सुलझाना होगा। वरिष्ठ नेताओं को अब एकजुट होकर संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा, ताकि कार्यकर्ताओं में विश्वास बहाल हो और पार्टी जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता कायम रख सके।