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हाईकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका, 9 दिनों से टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू को लेकर 48 घंटों में मांगा जवाब।

Public interest litigation filed in the High Court, response sought within 48 hours regarding the rescue of laborers trapped in the tunnel for 9 days.

उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में पिछले 12 नवंबर को हुए टनल हादसे में टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर समाधान एनजीओ कृष्णा विहार देहरादून वर्सेस स्टेट ऑफ उत्तराखंड व ऑदर्स की जनहित याचिका दायर की गई है,जिस पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमारी तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से 48 घंटे के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 22 नवम्बर 2023 की तिथि नियत की है।

कोर्ट ने मिनिस्ट्री ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट, सचिव लोक निर्माण विभाग, केंद्र सरकार, नेशनल हाइवे विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है।
हाईकोर्ट अधिवक्ता प्रभा नैथानी ने बताया कि समाधान एनजीओ कृष्णा विहार देहरादून ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत एक निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा पिछले 12 नवम्बर 2023 को ढह गया था जिसमे 40 मजदूर टनल के अंदर फंसे हुए हुए हैं, परन्तु सरकार उनको अभी तक बाहर निकालने में असफल रही है। सरकार व कार्यदायी संस्था टनल में फंसे लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है।ठीक है. इसे राज्य की ओर से आपराधिक लापरवाही कहा जा सकता है  ,प्रत्येक दिन उनको निकालने के लिए नए-नए तरीके खोजे जा रहे है। जिन लोगों की वजह से इन मजदूरों की जान खतरे में पड़ी है। उन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाय। पूरे प्रकरण की जांच एसआईटी से कराई जाय। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि टनल के अंदर कार्य प्रारंभ होने से पहले मजदूरों को जरूरी सामान उपलब्ध कराया जाय जैसे रेस्क्यू पाइप, जनरेटर, मशीन अन्य सामान। टनल के निर्माण के वक्त इसका इस क्षेत्र की भूगर्भीय जांच ढंग से नही की गई। जिसकी वजह से इन मजदूरों की जान खतरे में पड़ी।