बाबा सिद्दीकी हत्याकाण्डः हर किसी के मन में एक ही सवाल! आखिर आरोपियों ने कैसे तोड़ा ‘वाई कैटेगरी’ का सुरक्षा घेरा, जानें क्या है वारदात की इनसाइड स्टोरी
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकाण्ड की जिम्मेदारी लारेंस बिश्नोई गैंग ने ले ली है। इस बीच हर किसी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर ‘वाई कैटेगरी’ की सिक्योरिटी होने के बावजूद राकांपा नेता को आरिपियों ने इतने नजदीक जाकर कैसे गोली मार दी? ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब का इंतजार हर कोई कर रहा है। दरअसल शनिवार देर रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में तीन लोगों ने बाबा सिद्दीकी के बेटे एवं विधायक जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर फिल्मी अंदाज में 3 राउंड लगातार फायरिंग की। इसके बाद आरोपियों ने पटाखों के शोर के बीच गोली मारकर कथित तौर पर 66 साल के बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी। इसके बाद बाबा सिद्दीकी को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मामले में अधिकारियों ने बताया कि निर्मल नगर में कोलगेट मैदान के पास जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर हुई इस घटना के तुरंत बाद दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि तीसरा आरोपी फरार हो गया। इस आर्टिकल में हम आपको इस घटनाक्रम की इनसाइड स्टोरी बता रहे हैं। क्या इस वारदात में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ है। आरोपी कैसे बाबा के इतने नजदीक पहुंचे। उन्होंने कैसे इतनी टाइट सिक्योरिटी तोड़ी और उनका आखिर इस कत्ल के पीछे मकसद क्या था? मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर ने उन्हें जानकारी दी है कि दो कथित शूटर को हिरासत में लिया गया है। मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि उनमें से एक उत्तर प्रदेश और दूसरा हरियाणा से है, जबकि तीसरा आरोपी मौके से भाग गया। असल में ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त एवं सत्तारूढ़ पार्टी के नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जो कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। उन्हें 15 दिनों पहले ही जान से मारने की धमकी मिली थी। बाबा सिद्दीकी ने विधानसभा में तीन बार बांद्रा (पश्चिम) सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
बता दें कि बाबा सिद्दीकी को Y कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली थी। इस बीच पुलिस ने खुलासा किया है कि गिरफ्तार आरोपियों ने खुद को कुख्यात बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया है। पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड की योजना 25-30 दिनों से बनाई जा रही थी। आरोपी बाबा सिद्दीकी पर नजर रख रहे थे। वारदात से पहले उनके हर मूवमेंट पर नजर रखी गई। आरोपी हर पल बाबा की रेकी कर रहे थे। वे कब कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं उकने साथ कौन रहता है। वे किस प्रोग्राम में शामिल होने वाले हैं। इसी के तहत उन्होंने प्लान बनाया था। मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच का दावा है कि घटना को अंजाम देने के लिए तीनों आरोपी ऑटो रिक्शा से वारदात वाली जगह बांद्रा ईस्ट शूटिंग स्पॉट पहुंचे थे। अपना चेहरा छिपाने के लिए उन्होंने रूमाल से अपना चेहरा ढक लिया था। ऑफिस के नीचे दशहरे के मौके पर पटाखे छोड़े जा थे। आरोपी वहां पर कुछ समय तक इंतजार करते रहे। पुलिस का कहना है कि कोई और भी इस वारदात में शामिल हो सकता है जो हर पल बाबा सिद्दीकी के बारे में उन्हें जानकारी दे रहा था।