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मित्र पुलिस पर बर्बरता का आरोपः टिहरी के युवक ने लगाया पेशाब पिलाने और जूते चटवाने का इल्जाम! सोशल मीडिया पर छिड़ी बड़ी बहस, पुलिस ने पोस्ट डालकर दी चेतावनी, लॉक किया कमेंट वाला ऑपशन

Police brutality alleged: A young man from Tehri alleges being forced to drink urine and lick shoes! A major debate erupted on social media, and the police issued a warning in a post, locking the com

पौड़ी। उत्तराखण्ड की मित्र पुलिस एक बार फिर चर्चाओं में है। दरअसल टिहरी के लंबगांव निवासी युवक केशव थलवाल ने पुलिस पर अमानवीय व्यवहार और बर्बरता करने के ऐसे गंभीर आरोप लगाए है, जिन्हें सुनकर हर कोई हैरान, परेशान है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। युवक का दावा है कि उसे पुलिस चौकी में निर्वस्त्र कर डंडों से पीटा गया, पेशाब पिलाया गया और जूते चटवाए गए। युवक का कहना है कि यह अत्याचार अंकिता भंडारी हत्याकांड और केदार सिंह हत्या प्रकरण के खिलाफ आवाज उठाने की ‘सजा’ के रूप में किया गया। सोशल मीडिया पर भी यह मामला खासा सुर्खियों में है और लोग इस वीडियो को तेजी से वायरल कर रहे हैं। हांलाकि आवाज इंडिया किसी भी प्रकार के आरोपों की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन जिस प्रकार युवक पुलिस पर आरोप लगा रहा है वह बेहद गंभीर हैं। इस बीच टिहरी पुलिस ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक पोस्ट डालते हुए सारे आरोपों को निराधार बताया है और चेतावनी देते हुए लिखा है कि जो भी इस प्रकार के असत्य आरोपों के संबंध में कुछ भी टिप्पणी करता है, या भ्रामक सूचना फैलाता है तो उसके विरुद्ध भी उचित वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। लेकिन हैरानी की बात ये है कि टिहरी पुलिस ने अपनी इस पोस्ट पर कमेंट का ऑपशन लॉक किया है, जबकि पुलिस के फेसबुक पेज पर और पोस्ट पर कमेंट के ऑपशन खुले हुए हैं। ऐसे में लोग इसपर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। फिलहाल यह मामला खासा सुर्खियों में है और लोग वायरल वीडियो पर पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़े कर रहे हैं।


केशव थलवाल के मुताबिक उसे पुलिस चौकी में निवस्त्र कर लाठी-डण्डों और बेल्ट से पीटा गया। यही नहीं उसे थूका हुआ पानी, पेशाब पिलाया गया और पुलिसकर्मियों के जूते चटवाए गए। इसके बाद पुलिस पर हमले की कहानी बनाकर उसे जेल भेज दिया गया। इधर इस मामले में आइजी ने एसएसपी टिहरी से रिपोर्ट तलब की है। जिसके बाद एसएसपी ने प्रकरण की जांच सीओ नरेन्द्रनगर को सौंपी है। 

बता दें कि गुरूवार को पौड़ी में अंकिता भंडारी हत्याकाण्ड की तीसरी बरसी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इसमें टिहरी के लंबगांव के केशव थलवाल ने टिहरी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। केशव थलवाल ने कहा कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से वह पुलिस की हर छोटी-बड़ी नाकामी को मुखरता से उठाता रहा है। इसी से गुस्साए थानाध्यक्ष लंबगांव और दो एसआई नौ मई 2025 की शाम उसे एसएसपी के बुलावे की बात कहकर कार में बैठाकर ले गए, लेकिन उसे कोटी कॉलोनी चौकी ले जाया गया, जहां आरोप है कि मानवता की सभी हदें पार कर उसकी निर्मममा से पिटाई की गयी। केशव का आरोप है कि इसके बाद जाख तिराहे पर ले जाकर चाकू थमा दिया गया। केशव के अनुसार पुलिस की बर्बरता के बाद वह चार माह तक जेल में रहा। कुछ ही दिन पहले जेल से छूटकर आया है। अब इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए संघर्ष कर रहा है। फिलहाल इस मामले को लेकर यूकेडी मुखर हो गया है और आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग कर रहा है।

इस घटना ने एक बार फिर उत्तराखंड पुलिस की कार्यशैली और दबंगई पर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस मामले में चुप्पी और कथित निष्क्रियता को लेकर भी जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। बता दें कि कुछ माह पूर्व भी कई मामले सामने आए थे जिसमें आईपीएस लोकेश्वर सिंह द्वारा एक आरटीआई कार्यकर्ता लक्ष्मी दत्त जोशी को फर्जी मुकदमों में फंसाने और निवस्त्र कर पीटने का आरोप लगा था और इसकी शिकायत पुलिस शिकायत प्रकोष्ठ में की गयी थी, लेकिन पुलिस ने अपने अधिकारी पर कोई कार्रवाही नहीं की, जबकि न्यायालय ने लक्ष्मी दत्त जोशी पर पुलिस के द्वारा किए गए मुकदमों को निराधार बताया था। ऐसे ही एक मामले में सब इंस्पेक्टर महिला पुलिसकर्मी ने एक साल पहले अपने ही पुलिस विभाग के बड़े बाबू पर यौन उत्पीड़न करने के गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन पुलिस ने आज तक एफआईआर दर्ज़ नहीं की। लोगों की मानें तो भाजपा राज में पुलिस महकमा संवेदनहीन और निरंकुश हो चुका है। एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित लोगों की मदद करते दिखाई पड़ते है, वहीं दूसरी तरफ धामी की मित्र पुलिस गरीब जनता को प्रताड़ित करते हुए नज़र आती है।