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अनियमितताओं के आरोपों में घिरी पिरान कलियर दरगाह की प्रबंधक रजिया बेग ने दिया इस्तीफा, डीएम ने किया मंजूर

Piran Kaliyar Dargah manager Razia Baig resigned amid allegations of irregularities, and the DM accepted her resignation.

रुड़की। हरिद्वार जिले की विश्व प्रसिद्ध दरगाह पिरान कलियर की प्रबंधक रजिया बेग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रजिया बेग ने व्यक्तिगत और पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए प्रबंधक पद से कार्यमुक्त किए जाने का प्रार्थना पत्र हरिद्वार जिलाधिकारी को भेजा था। हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने दरगाह प्रबंधक रजिया बेग का त्याग पत्र स्वीकार करते हुए उन्हें तत्काल वर्तमान पद कार्यमुक्त कर दिया। साथ ही दरगाह की समस्त वित्तीय एवं प्रशासनिक गतिविधियों की निगरानी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को सौंपी गई है। रजिया बेग पर दरगाह के खजाने की वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कई गंभीर आरोप लगे हैं। 

गौरतलब है कि पूर्व में तैनात रहे दरगाह प्रबंधक मोहम्मद हारून को विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था, जिसके बाद लेखाकार शफीक अहमद कार्यवाहक प्रबंधक के तौर पर कार्य देख रहे थे। इसके बाद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष बहरोज आलम की पत्नी रजिया बेग को फरवरी 2023 में डीएम के आदेश के बाद दरगाह प्रबंधक की कुर्सी मिली थी। हालांकि जिम्मेदारी संभालने के साथ ही उनका विरोध भी शुरू हो गया था। दरअसल, रजिया बेग ने दरगाह प्रबंधक का चार्ज संभालने के कुछ दिनों बाद ही नियाज़ (लंगर) बनाने वाली दुकानों के टेंडर का आदेश जारी किया था, जिसको लेकर कलियर की राजनीति गरमा गई थी। इस दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर जिले के कई विधायकों समेत अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों और दुकानदारों ने दरगाह कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया था। इसके बाद बैकफुट पर नजर आई दरगाह प्रबंधक रजिया द्वारा तुगलकी फरमान को वापस लेते हुए कलियर में नियाज़ (लंगर) बनाने वाली दुकानों के टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करना पड़ा था। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की ओर से की गई विशेष जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और प्रशासनिक गड़बड़ियां सामने आईं थी। जांच में यह भी उजागर हुआ था कि दो ठेकेदारों से 10 लाख 88 हजार 578 रुपये की राशि अब तक प्राप्त नहीं की गई, जबकि 2 करोड़ 33 लाख 98 हजार 999 रुपये की बड़ी बकाया वसूली भी नहीं की गई। जिसे जांच अधिकारी ने गंभीर लापरवाही करार दिया था। वहीं दरगाह के बैंक खातों में दो लाख से अधिक नकद जमा कर आयकर अधिनियम एवं विभागीय नियमों का उल्लंघन भी पाया गया। इन सब के बीच जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोपों पर दरगाह प्रबंधक रजिया बेग कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। साथ ही उनके सभी वित्तीय अधिकार पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी। वित्तीय अधिकार सीज करने के साथ ही हरिद्वार डीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण के लिए 7 दिनों के भीतर जवाब देने का समय दिया था, लेकिन समय अवधि पूरी होने के बाद दरगाह प्रबंधक रजिया बेग द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया।