Awaaz24x7-government

पंतनगर यूनिवर्सिटीः एक दिन में दूसरी बार सुसाइड की कोशिश! एक छात्र की मौत, दूसरे की हालत गंभीर, घटनाक्रम से उठे सवाल

Pantnagar University: Second suicide attempt in a day! One student dead, another in critical condition; incident raises questions.

पंतनगर। जीबी पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय में लगातार छात्रों द्वारा सुसाइड किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे विवि पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। सोमवार को विवि के छात्रावास में बीटेक के छात्र का शव फंदे से लटका मिला, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया। इस दौरान एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें मानसिक तौर पर परेशान होने की बात का जिक्र किया गया है। इधर सोमवार देर रात विवि परिसर में एक और छात्र ने फंदा लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। हांलाकि समय रहते इसकी भनक साथी छात्रों को लग गयी और उसे बचा लिया गया। बताया जाता है कि विश्वेसरैया भवन के कमरा नंबर 61 के अंतःवासी और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग फाइनल के छात्र विवेक कुमार आर्या ने फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इस दौरान टेबल गिरने की आवाज सुनकर अन्य साथी दरवाजे के पास पहुंचे और दरवाजे की कुंडी तोड़कर उसे बचा लिया। इसके बाद छात्र को सीपीआर देते हुए रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है। ऐसे में एक के बाद एक छात्र द्वारा आत्मघाती कदम उठाने के मामलों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि क्या छात्र मानसिक दबाव में हैं? बता दें कि इससे पहले भी पंत विवि परिसर में एक छात्र द्वारा आत्महत्या की गयी थी। ठीक इसी प्रकार अब सोमवार को भी ऐसा घटनाक्रम सामने आया है। 

सुबह फंदे पर लटका मिला बीटेक का छात्र अक्षत
इससे पहले सोमवार सुबह पंत विवि में एक छात्र ने फंदे पर झूलकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी। जानकारी के अनुसार रुड़की निवासी सागर सैनी का पुत्र 19 वर्षीय अक्षत सैनी पंत विवि के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष का छात्र था। अक्षत को रजत जयंती भवन छात्रावास में कमरा नंबर-151 आवंटित हुआ था। सोमवार सुबह जब अक्षत के साथी उसे बुलाने पहुंचे तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। संदेह होने पर जब उन्होंने दरवाजे पर जोर दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर घुसते ही साथी छात्रों ने जो दृश्य देखा, उससे उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी। अक्षत मफलर के सहारे फंदे पर लटका हुआ था। आनन-फानन में छात्रों द्वारा उसे नीचे उतारा गया और सीपीआर देने का प्रयास किया गया, लेकिन उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। इसपर साथी छात्रों ने इसकी सूचना सुरक्षा कर्मियों को दी। सूचना मिलते ही विवि प्रशास और पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तबतक अक्षत की मौत हो चुकी थी। 

सुसाइड नोटः सोचता हूं पापा को सब बता दूं, लेकिन उनकी टेंशन....
मृतक छात्र अक्षत के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि शायद अब सब चीजें कंट्रोल से बाहर होती जा रही हैं। रोना अब किसी के भी आगे अच्छा नहीं लगता। मेरी तरफ चाहे दोस्त हों या घरवाले, कोई ध्यान नहीं देता। विशेषकर मेरी बातों पर सब लोग यही बोलकर छोड़ देते हैं कि ये सब फालतू बातें सोचता है। हांलाकि मैं अब तो कोई फालतू बात सोचता नहीं, बस यह लगता है सब हाथ से निकलता जा रहा है। घर भी वापस नहीं जा सकता, क्योंकि सेकेंड ईयर में जब गया था तो अपना हाल बद से बदतर होते हुए देखा है मैने। शायद मैं घर वालों और घर वाले मुझसे परेशान हो चुके हैं। अब घर वापसी का भी कोई ऑप्शन नहीं है। ऊपर से सिविल में आईआर और बैक तो जैसे विरासत में मिली हैं इस डिपार्टमेंट को। पापा को सोचता हूं सब बता दूं, पर जब उनकी टेंशन देखता हूं और इस उम्र में भी बिजनेस में उलझें देखता हूं तो और टेंशन देने का मन नहीं करता। अंत में उसने अपने एडवाइजर डॉ. एसके कटारिया का उनके सहयोग के लिए धन्यवाद किया है।